सरकारी दस्तावेजों में मृत हो चुके एक व्यक्ति के जीवन पर आधारित जी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 2021 में कागज मूवी आई थी आपको याद ही होगा, जिसमें पंकज त्रिपाठी और सतीश कौशिक ने अहम रोल निभाया है. इसमें मुख्य किरदार खुद को जिंदा साबित करने के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाता दिखाई देता है. ये कहानी आजमगढ़ के रहने वाले लाल बिहारी के जीवन की सत्यघटना पर आधारित है. लाल बिहारी ने ऐसे लोगों की मदद करने के लिए ‘मृतक’ नाम का संगठन बनाया है. साथ ही अपने नाम के पीछे ‘मृतक’ उपनाम जोड़ लिया. अब उन्होंने एके-47 का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया है.
दरअसल, आजमगढ़ के रहने वाले लाल बिहारी ‘मृतक’ दस्तावेजों में मृत हो चुके लोगों की मदद के लिए काम करने वाले संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. लाल बिहारी ने कहा कि वह जिन लोगों के लिए अधिकारियों से लड़ते हैं, उसमें उनकी जान को खतरा है. ऐसे में मुख्य सचिव से निवेदन है कि मुझे एक एके-47 बंदूक का लाइसेंस दें. मुझे पता है कि आमजनता के लिए यह शस्त्र प्रतिबंधित है, लेकिन इसको एक मृतक को दिया जा सकता है.
लाल बिहारी सरकारी रिकॉर्ड में 19 साल तक मृत रहे थे. बाद में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद रिकॉर्ड में उन्हें जीवित दिखाया गया. उन पर पंकज त्रिपाठी के अभिनय वाली एक फिल्म ‘कागज’ भी बनी है, जिसे सतीश कौशिक ने निर्देशित किया है. लाल बिहारी ने कहा कि मैं मुख्य सचिव से अनुरोध करता हूं कि मुझे एके-47 राइफल का लाइसेंस लेने की अनुमति दी जाए. क्योंकि मुझे ऐसे कई लोगों के लिए संघर्ष करने की वजह से जान का खतरा है. जो जीवित हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में मर चुके हैं. लाल बिहारी ने बताया कि वह यूपी के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर प्रतिबंधित बंदूक के लिए लाइसेंस प्रदान करने का आग्रह करेंगे. बता दें कि भारत में कोई भी व्यक्ति लाइसेंस एके-47 नहीं रख सकता, क्योंकि यह हथियार केवल विशेष बलों के लिए है. इस पर लाल बिहारी मृतक ने बताया कि मुझे पता है कि यह अत्याधुनिक बंदूक आम जनता के लिए प्रतिबंधित है, लेकिन इसे मृत व्यक्ति को दिया जा सकता है.