बेटे के हर सफलता को हर मां अपने आंखों से देखना चाहती है, लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर की मां उनको अवार्ड मिलने के कुछ घंटों पहली ही इस दुनिया को अलविदा कह गईं. बता दें कि शनिवार को राष्ट्रपति भवन में देश के खेल सितारों को स्पोर्ट्स अवॉर्ड दिए गए. खेल रत्न पाने वाले खिलाड़ियों में पैरालिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी कृष्णा नागर (Krishna Nagar) का नाम भी शामिल था लेकिन वह अवॉर्ड लेने राष्ट्रपित भवन नहीं पहुंच पाए क्योंकि अवार्ड लेने से पहले उनके उपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.
बता दें कि मां का देहांत होने की खबर सुनकर कृष्णा नागर राष्ट्रपति भवन पहुंचने से पहले ही जयपुर के लिए रवाना हो गए. दरअसल उनकी मां इंद्रा पांच दिन पहले छत से गिर गई थीं, इसके बाद उनको जयपुर के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था. नागर अवॉर्ड लेने के लिए 11 नवंबर को ही दिल्ली पहुंच गए थे. नागर को उनके पिता सुनील नागर, ने फोन पर मां के निधन के बारे में नहीं बताया बस उन्हें घर लौटने को कहा.
Also Read: T20 WC: हसन अली ने हार के बाद तोड़ी चुप्पी, सेमीफाइनल में कैच छूटने पर मचा था बवाल
बता दें कि नागर ने टोक्यो पैरालिंपिक में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए देश को गोल्ड मेडल दिलाया था. कृष्णा नागर ने बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएच6 फाइनल में हॉन्गकॉन्ग के चू मान काई को हराया था. मालूम हो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा, महिला क्रिकेटर मिताली राज और पैरालिंपिक में इतिहास रचनेवाले पैरा एथलीटों सहित पिछले कुछ समय में खेल जगत में बेहतरीन प्रदर्शन करनेवाले खिलाड़ियों को शनिवार को भव्य समारोह में सम्मानित किया. राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित कार्यक्रम में पहली बार 12 खिलाड़ियों को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पुरस्कार पानेवाले अधिकतर खिलाड़ियों ने तोक्यो ओलिंपिक और पैरालिंपिक में अच्छा प्रदर्शन किया था.