कोलकाता : नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देने के लिए 23 जनवरी को कोलकाता आने वाले नरेंद्र मोदी देश के दूसरे प्रधानमंत्री बन गये हैं. 56 साल पहले लाल बहादुर शास्त्री ने कोलकाता के रेड रोड स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया था. इसके बाद कोई प्रधानमंत्री नेताजी को श्रद्धांजलि देने यहां नहीं पहुंचा था.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के वंशज चंद्र कुमार बोस ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि लाल बाहदुर शास्त्री रेड रोड पर दिसंबर, 1965 में प्रधानमंत्री के रूप में नेताजी की प्रतिमा का अनावरण करने आये थे. चंद्र कुमार बोस ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि वे नेताजी की 125वीं जयंती को यादगार बना दें.
चंद्र कुमार ने कहा कि नेताजी की 125वीं जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का केंद्र सरकार का फैसला सराहनीय कदम है. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आजाद हिंद फौज के रूप में काफी संख्या में लोगों ने अपनी मातृभूमि पर अपना जीवन कुर्बान कर दिया था.
श्री बोस ने कहा कि आजाद हिंद फौज ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की आखिरी लड़ाई लड़ी थी. उस आजाद हिंद फौज के संस्थापक और सुप्रीम लीडर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर देश भर में पराक्रम दिवस मनाना एक अच्छी पहल है. भारत सरकार ने पूरे देश के अलग-अलग हिस्से में एक साल तक अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है.
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उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी की 125वीं जयंती को देशनायक दिवस के रूप में मनाने का एलान किया. उन्होंने शनिवार को रेड रोड स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के पास आयोजित कार्यक्रम में केंद्र सरकार के ‘पराक्रम दिवस’ की खिल्ली भी उड़ायी. उन्होंने पूछा, ‘ये पराक्रम दिवस क्या है? क्या है पराक्रम?’
Lal Bahadur Shastri had unveiled the statue of Netaji at Red Road in Kolkata in December 1965 as PM. Since then, no other PM visited the state on January 23. So, we requested PM Modi to visit Kolkata on this day & we'll celebrate Netaji's birthday together: CK Bose https://t.co/k6EpJFp5h0
— ANI (@ANI) January 23, 2021
Posted By : Mithilesh Jha