Loading election data...

‘पराक्रम दिवस’ पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कटाक्ष, पराक्रम का मतलब क्या है?

Parakram Diwas vs Deshnayak Diwas: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को ‘देशनायक दिवस’ के रूप में मना रही है, तो केंद्र सरकार ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में. पराक्रम दिवस में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री के कोलकाता आने से पहले ममता बनर्जी ने इस पर कटाक्ष किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2021 5:08 PM
an image

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को ‘देशनायक दिवस’ के रूप में मना रही है, तो केंद्र सरकार ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में. पराक्रम दिवस में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री के कोलकाता आने से पहले ममता बनर्जी ने इस पर कटाक्ष किया.

ममता बनर्जी ने पूछा, ये पराक्रम क्या होता है? यदि सही शब्द की जानकारी नहीं थी, तो हमसे पूछ लेते. प्रधानमंत्री के महानगर पहुंचने से ठीक पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेड रोड पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा आयोजित सभा से केंद्र सरकार के ‘पराक्रम दिवस’ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पराक्रम का मतलब क्या है.

ममता बनर्जी ने कहा, ‘हम नहीं जानते इसका अर्थ क्या है. अगर उन्हें सही शब्द की जानकारी नहीं थी, तो हमसे पूछ लेते.’ उन्होंने बताया कि कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने नेताजी को सबसे पहले देशनायक कहकर संबोधित किया था. इसलिए हमारी सरकार ने इस दिवस को देशनायक दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया.’

Also Read: Parakram Diwas: 56 साल बाद 23 जनवरी को कोलकाता में नेताजी को श्रद्धांजलि देकर पीएम मोदी ने बनाया ये रिकॉर्ड

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी ने योजना आयोग बनाने की पहल की थी. देश की एनडीए सरकार ने योजना आयोग को खत्म कर दिया और उसके स्थान पर नीति आयोग बनाया है. उन्होंने योजना आयोग का फिर से गठन करने की मांग की. इसके साथ ही केंद्र सरकार से मांग की कि नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाये.

देश के चार क्षेत्र में बने चार राजधानी

रेड रोड पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि देश के चार कोने में चार राजधानी होनी चाहिए. कोलकाता को फिर से देश की राजधानी बनाया जाना चाहिए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद की कार्रवाई भी इन चारों राजधानियों में बारी-बारी से होनी चाहिए.

Also Read: Subhash Chandra Bose Jayanti LIVE: विक्टोरिया मेमोरियल में पराक्रम दिवस समारोह में ऊषा उत्थुप की प्रस्तुति ‘एकला चलो रे…’

Posted By : Mithilesh Jha

Exit mobile version