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आदिवासियों का पारसनाथ बचाओ महाजुटान मधुबन में आज, झारखंड समेत इन राज्यों से भी पहुंचेंगे लोग

महाजुटान में झारखंड, बंगाल व ओड़िशा के बुद्धिजीवियों का जुटान होगा. बताया जाता है कि पारसनाथ पर्वत यानी मरांग बुरु के अस्तित्व को लेकर मूलवासी व आदिवासी ने मोर्चा खोल दिया है.

मरांग बुरु पारसनाथ बचाओ आंदोलन के तहत मंगलवार को मधुबन में महाजुटान होगा. क्षेत्र के आदिवासी मूलवासी पारसनाथ पर्वत में मरांग बुरु यानी आदिवासियों का प्रमुख धर्मगढ़ की रक्षा के लिए आंदोलन का शंखनाद करेंगे. ऐसे में महाजुटान को लेकर प्रशासन मुस्तैद है. सोमवार को मधुबन बाजार सहित आस-पास के इलाके में एएसपी हारिश बिन जमां, डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार समेत भारी संख्या में पुलिस बल के जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला. इस बाबत एसडीपीओ मनोज ने बताया कि रैली व आमसभा के दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने को लेकर प्रशासन द्वारा तैयारी कर ली गयी है.

कई राज्यों से पहुंचेंगे समाज के लोग :

महाजुटान में झारखंड, बंगाल व ओड़िशा के बुद्धिजीवियों का जुटान होगा. बताया जाता है कि पारसनाथ पर्वत यानी मरांग बुरु के अस्तित्व को लेकर मूलवासी व आदिवासी ने मोर्चा खोल दिया है. पारसनाथ की रक्षा के लिए मरांग बुरु पारसनाथ बचाओ समिति ने मधुबन में महाजुटान कर आंदोलन का शंखनाद करेंगे.

मधुबन में मंगलवार को आयोजित महाजुटान में विशाल आम सभा का आयोजन किया गया है. आमसभा के बाद मधुबन में भव्य जुलूस निकालकर सरकार के विरुद्ध विरोध-प्रदर्शन भी किया जायेगा. महाजुटान कार्यक्रम में झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम, झारखंडी खतियान भाषा संघर्ष समिति के जयराम महतो समेत झारखंड, बंगाल व ओड़िशा के नेता शरीक होंगे.

कार्यक्रम में संताल परगना, जमशेदपुर, दुमका समेत बंगाल व ओड़िशा से लगभग पांच हजार से अधिक आदिवासी-मूलवासी शामिल होंगे. कार्यक्रम को लेकर समिति द्वारा तैयारी पूरी कर ली गयी है. गांव-गांव में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. झारखंड दिशोम पार्टी के संस्थापक सालखन मुर्मू रविवार की रात अचानक मधुबन पहुंचे. पारसनाथ बचाओ महाजुटान कार्यक्रम की तैयारियों की उन्होंने समीक्षा की और कहा कि चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा.

पारसनाथ को 25 तक मरांगबुरू स्थल घोषित करे सरकार, नहीं तो 30 से अनशन : लोबिन हेंब्रम

पाकुड़. पारसनाथ पर्वत को 25 जनवरी तक मरांगबुरू स्थल घोषित करने की मांग बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम ने की है. उन्होंने कहा कि सरकार यदि 25 जनवरी तक घोषणा नहीं करती है, तो 30 जनवरी से उलिहातू में बिरसा भगवान की जन्मस्थली में अनशन पर बैठेंगे. उक्त बातें झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने पाकुड़ में आयोजित सोहराय कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने कहा : जैन धर्म के लोगों का हम सभी सम्मान करते है, लेकिन उन्हें पारसनाथ पर कब्जा नहीं करने देंगे. आदिवासी समुदाय को उस 10 किलोमीटर के क्षेत्र में बली चढ़ाने से रोका जा रहा है. यहां तक कि जंगलों से लकड़ी तक नहीं काटने दी जा रही है.

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