गिरिडीह जिले में आचार्य प्रसन्न सागर महाराज का महापारणा कार्यक्रम था. इस वजह से श्रद्धालुओं के बीच खासा उत्साह देखने को मिला. शनिवार की सुबह 8.13 बजे उन्होंने पारसनाथ पर्वत पर महापारणा किया. इस दौरान पूरा पारसनाथ पर्वत महाराज के जयकारों से गूंज उठा. सभी महाराज की एक झलक पाने को आतुर दिख रहे थे. जैसे ही महाराज मंदिर की गुफा से बाहर निकले. महाराज की एक झलक पाने के आतुर श्रद्धालुओं ने महाराज के जयकारे लगाने शुरू कर दिए.
इसके बाद महाराज ने सभी का अभिनंदन किया और मंदिर के बाहर सीढ़ी पर खड़े होकर महापारणा किया. महापारणा के बाद महाराज कुछ देर तक खड़े रहे और फिर डोली में बैठकर नीचे उतरना शुरू किया. इस दौरान महाराज के आगे और पीछे हजारों की संख्या में जैन समाज के लोग शामिल थे. पूरे रास्ते में महाराज के स्वागत की व्यवस्था की गई थी. जगह-जगह पर महाराज की पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया.
आपको बता दें कि पारसनाथ टोंक पर अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर महाराज विगत दस माह से मौन व एकांतवास में रहकर साधना में लीन है. 557 दिनों के सिंघनिष्क्रीडित व्रत के दौरान मात्र 61 पारणा किया है. बताया जाता है कि ऐसी साधना करने वाले भगवान महावीर के बाद अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर महाराज एकमात्र दिगंबर संत है. यही कारण है कि महाराज प्रसन्न सागर जी महाराज के महापारणा कार्यक्रम को काफी भव्य रूप से किया जा रहा है.
महाराज पारसनाथ पर्वत से नीचे उतरने के बाद सीधे मधुबन थाना के समीप आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में भाग लेंगे. इसे देखते हुए मधुबन की सड़कों को फूलों से बिछा दिया गया है. इसके लिए विशेष रूप से एक क्विंटल फूल मंगाए गए हैं.
महाराज के पर्वत से उतरने के दौरान पूरे रास्ते जगह-जगह सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किए गये थे. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल के जवान तैनात थे. डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुरमुज़, एसडीपीओ मनोज कुमार व मधुबन थाना प्रभारी मृत्युंज कुमार समेत भारी संख्या में पुलिस बल के जवान तैनात थे.
महाराज प्रसन्न सागर महाराज के स्वागत को लेकर जैन समाज के लोगों को उत्साह देखते ही बन रहा है. सुबह से ही मधुबन में बैंड- बाजा बारात और ढोल – नगाड़े के साथ महाराज के स्वागत में जमकर नृत्य कर रहे थे. वहीं अलग-अलग राज्यों से भी कलाकारों के द्वारा कार्यक्रमों की प्रस्तुति की जा रही थी.