Loading election data...

पार्थ व माणिक तक 10-12 लाख पहुंचते ही मिल जाती थी प्राइवेट कॉलेज की अनुमति

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में नये-नये खुलासे हो रहे हैं. ईडी सूत्रों का कहना है कि पार्थ चटर्जी एवं माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ पहले ही प्राइवेट बीएड एवं डीएल एड कॉलेजों की अनुमति देने के बदले मोटी रकम लेने का खुलासा किया था.

By Shinki Singh | December 2, 2022 1:56 PM

पश्चिम बंगाल में  शिक्षक भर्ती घोटाले में हुए वित्तीय अवैध लेनदेन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे आये दिन नये-नये खुलासे हो रहे हैं. ईडी सूत्रों का कहना है कि पार्थ चटर्जी एवं माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ पहले ही प्राइवेट बीएड एवं डीएल एड कॉलेजों की अनुमति देने के बदले मोटी रकम लेने का खुलासा किया था. इसके बाद अदालत में फिर से एकबार ईडी ने दोनों ही शातिर आरोपियों के खिलाफ एक और सनसनीखेज खुलासा किया है.

Also Read: अनुब्रत मंडल की गैरहाजिरी में बीरभूम जिले से तृणमूल कांग्रेस आगामी पंचायत चुनाव का भरेगी हुंकार

अदालत में पेश किये गये इडी के कागजात में इसका जिक्र

ईडी सूत्रों द्वारा अदालत में पेश की गयी कॉपी में भी इसका जिक्र किया गया है. ईडी सूत्र बताते हैं कि पार्थ चटर्जी और माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ मिले गवाहों से पूछताछ एवं हाथ लगे कागजातों की जांच में पता चला कि 10 से 12 लाख रुपये मिलते ही शहर में प्राइवेट लॉ कॉलेज एवं फार्मासिस्ट कॉलेज खोलने की अनुमति पत्र जारी कर दिया जाता था. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की तरफ से इसके लिए एनओसी लेटर भी तुरंत जारी हो जाता था. इस तरह से शिक्षा व्यवस्था की आड़ में दोनों ही नेता जमकर अवैध धन जमा कर रहे थे. इडी सूत्रों का कहना है कि जल्द दोनों से जेल में जाकर पूछताछ करने की तैयारी की जा रही है, जिससे और नये खुलासे हो सके.

Also Read: मवेशी तस्करी मामला : तिहाड़ जेल में एनामुल हक से आज पूछताछ कर सकती है सीआईडी
शिक्षक भर्ती मामले में ईडी की जांच जारी 

शिक्षक भर्ती मामले में ईडी की जांच जारी है. वहीं अदालत सूत्रों के मुताबिक, इस दिन पार्थ चटर्जी की तरफ से उनके वकील ने कहा कि एक तरफ ईडी अदालत में इस मामले की जार्चशीट पेश कर रही है. दूसरी तरफ जांच जारी रहने की बात कहकर जमानत का विरोध कर रही है.

Also Read: ईडी का आरोप- प्राइवेट फार्मासिस्ट व लॉ कॉलेज खोलने की अनुमति के बदले पार्थ चटर्जी के पास जाते थे पैसे

Next Article

Exit mobile version