कोलकाता. शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी समेत सात आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद गुरुवार को उन्हें अलीपुर कोर्ट स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर सभी को और 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. आरोपियों की अब 16 फरवरी को फिर कोर्ट में पेशी होगी.
गुरुवार को राज्य के पूर्व शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ कल्याणमय गांगुली, एसएससी की नियुक्ति समिति के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा, पूर्व सचिव अशोक कुमार साहा, पूर्व चेयरमैन सुबीरेश भट्टाचार्य और घोटाले में बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले आरोपी प्रसन्न राय व प्रदीप सिंह को कोर्ट में पेश किया गया.
बचाव पक्ष के वकील ने सीबीआई की जांच की धीमी गति पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में 105 दिन से ज्यादा वक्त गुजर चुका है. इतने दिनों में सिर्फ एक या दो बार उनके मुवक्किलों से सवाल-जवाब किया गया है. सीबीआई इस मामले में कोई नया खुलासा नहीं कर पा रही है. इसके कारण सभी को जमानत पर रिहा किया जाये. इस पर न्यायाधीश अर्पण कुमार चट्टोपाध्याय ने सीबीआई के वकील से कहा कि, हाइकोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई को जो निर्देश दिया था, उसके पांच नंबर कॉलम में रुपये लेकर नौकरी लेनेवालों की पहचान कर उसे गिरफ्तार करने को कहा गया था, ऐसे कितने लोगों को अबतक गिरफ्तार किया गया है. इसपर सीबीआई के वकील ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. इसमें जल्द नये डेवलपमेंट होंगे