पार्थ चटर्जी, अर्पिता मुखर्जी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गये, पूर्व मंत्री बोले- कोई नहीं बचेगा

पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के वकीलों ने अपने-अपने मुवक्किल को जमानत देने की कोर्ट से अपील की. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील ने उनकी जमानत का विरोध किया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2022 7:20 PM

पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) को राहत देने से कोर्ट ने इंकार कर दिया है. स्कूल सर्विस कमीशन (School Service Commission) घोटाला मामले में कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये हैं. न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद दोनों आरोपियों को गुरुवार को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया.

ईडी के वकील ने किया जमानत का विरोध

पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के वकीलों ने अपने-अपने मुवक्किल को जमानत देने की कोर्ट से अपील की. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील ने उनकी जमानत का विरोध किया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. हालांकि, बाद में अपने फैसले में दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये. इस मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी.

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पार्थ चटर्जी ने दी विस्फोटक प्रतिक्रिया

इससे पहले, पार्थ ने एक बार फिर विस्फोटक प्रतिक्रिया दी. प्रेसिडेंसी जेल से बैंकशाल कोर्ट में पेशी के दौरान पत्रकारों ने घोटाले को लेकर प्रश्न किया, तो चटर्जी ने कहा कि समय आने पर सब साबित होगा, कोई नहीं बचेगा. उनकी इस प्रतिक्रिया के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उनका इशारा किसकी ओर है. वह किसके नहीं बचने की बात कर रहे हैं.

मेरे खिलाफ साजिश हुई है

इससे पहले मंत्री पद से हटाये जाने व पार्टी से निलंबित किये जाने के बाद कहा था कि मेरे खिलाफ साजिश हुई है, जिसने साजिश की है, वे समझ जायेंगे. पार्टी का फैसला देख लें. हालांकि, उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि किसकी साजिश है. इसके बाद पत्रकारों ने जब पूछा कि पार्टी का फैसला सही है, तो पार्थ चटर्जी ने कहा था कि समय ठीक नहीं है. निष्पक्ष जांच प्रभावित हो सकती है.

अर्पिता के घर से मिले थे 50 करोड़ रुपये

उनसे यही सवाल फिर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वक्त ही बतायेगा. गौरतलब है कि गिरफ्तारी से पहले चटर्जी के पास औद्योगिक और संसदीय मामलों का विभाग था. उनके शिक्षा मंत्री रहते स्कूलों में नियुक्तियों में घोटाला हुआ था. इस मामले में पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से करीब 50 करोड़ रुपये की राशि भी बरामद की गयी है, जिसके बाद ही हड़कंप मच गया था.

मंत्रिमंडल और पार्टी दोनों से निकाले गये पार्थ चटर्जी

बता दें कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के जरिये स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस से निलंबित किये जाने के साथ ही सभी पदों से पहले ही हटाये जा चुके हैं. इसके अलावा उन्हें मंत्रिमंडल से भी बाहर कर दिया गया है.

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