कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की जमानत याचिका बुधवार को फिर से खारिज हो गयी. अदालत सूत्रों के मुताबिक अलीपुर कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत के न्यायाधीश अर्पण चटर्जी ने बुधवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. उन्हें आगामी 11 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया है. इसके साथ पार्थ चटर्जी को एक हजार रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया गया है.
अदालत सूत्रों के मुताबिक बुधवार को पार्थ के अलावा इस मामले में गिरफ्तार कल्याणमय, सुबीरेश समेत 10 आरोपियों को फिर से अलीपुर कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत में पेश किया गया था. यहां सुनवाई के दौरान पार्थ के वकील बिप्लब गोस्वामी ने अदालत में उनके मुवक्किल को जमानत पर रिहा करने के लिए कोर्ट में अर्जी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल पार्थ की गिरफ्तारी को डेढ़ साल बीतने वाला हैं. जांचकर्ताओं के पास उनसे अब पूछताछ के लिए नया कुछ भी शेष नहीं बचा है. कोर्ट में पार्थ के खिलाफ आखिरी दस्तावेज छह महीने पहले जमा करायी गयी थी. तब से वह लगातार जेल में बंद है. वह उम्रदराज है. वह कई प्रकार की शारीरिक बीमारियों से जूझ रहे हैं. इस पर गौर कर अदालत उनके मुवक्किल को जमानत देने पर विचार करे. इधर, सीबीआइ की तरफ से जमानत का कड़ा विरोध कर कहा गया कि पार्थ पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं. उन्हें जमानत मिली तो जांच प्रभावित होने का डर रहेगा.
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अदालत सूत्रों के मुताबिक पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका हाल ही में खारिज होने के बाद फिर से जमानत याचिका दायर होने से चिढ़े न्यायाधीश अर्पण चटर्जी ने पार्थ पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया. वहीं, अदालत में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पार्थ चटर्जी की जमानत अर्जी दोबारा खारिज करने का निर्देश दिया. इसके साथ पार्थ के अलावा कल्याणमय, सुबीरेश समेत सभी 10 आरोपियों को 11 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.
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