पार्थ चटर्जी ने कोर्ट में लगाई गुहार कहा- राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया, जमानत देकर मुझे जीने दें

पार्थ चटर्जी ने बैंकशाल कोर्ट में गुहार लगायी और कहा 'मुझे जमानत दें, जीने दें'.गौरतलब है कि स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में इडी ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2022 6:42 PM

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग द्वारा स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा गिरफ्तार पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee ) और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत की अवधि बुधवार को समाप्त होने पर इस दिन बैंकशाल कोर्ट स्थित विशेष पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) अदालत में उनके मामले की सुनवाई हुई. हालांकि, इस बार भी पार्थ व अर्पिता सशरीर अदालत में उपस्थित नहीं हुए, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दोनों की पेशी अदालत में हुई. बताया जा रहा है कि अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री पार्थ का अलग रूप ही देखा गया. उन्होंने रोते हुए अपने जमानत की गुहार लगायी और कहा ‘मुझे जमानत दें, जीने दें’.

अदालत में की जमानत की अपील 

बताया जा रहा है कि अदालत में सुनवाई के दौरान पार्थ के अधिवक्ता की ओर से उनके मुवक्किल की शारीरिक हालत ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए अदालत में जमानत देने की अपील की थी. अधिवक्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल करीब 54 दिनों तक इडी व न्यायिक हिरासत में रहे हैं. अभी तक इडी को जांच में पार्थ के खिलाफ क्या तथ्य मिले हैं? जवाब में इडी के अधिवक्ता की ओर से दावा किया गया कि जांच में यह पता चल रहा है कि स्कूलों में हुई नियुक्तियों का घोटाला 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है. जांच में इडी को और अहम तथ्य मिलने की संभावना है.

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पार्थ ने कहा : मैं जनता का सेवक हूं 

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अधिवक्ता विद्युत कुमार राय ने पार्थ चटर्जी से कहा कि उन्हें कुछ कहना है. न्यायाधीश के इतना कहते ही पार्थ का गला भर आया और उन्होंने रोते हुए कहा कि इडी के अधिकारी उनके घर पर करीब 30 घंटे तक थे. उन्हें कुछ नहीं मिला. वह जनता के एक सेवक हैं, जिस 100 करोड़ के घोटाले की बात की जा रही है, उससे उनका कोई वास्ता नहीं है.

राजनीतिक साजिश के शिकार हुए पार्थ 

पार्थ चटर्जी का कहना है कि वह राजनीतिक साजिश के शिकार हैं. पहले किसी ने उनपर ऐसा आरोप नहीं लगाया था. उनकी बात सुनकर न्यायाधीश ने उनसे पूछा कि क्या वह अपनी जमानत चाहते हैं? इतना सुनते ही पूर्व मंत्री पार्थ ने रोते हुए ही कहा कि ”सर मुझ पर दया करें. मुझे न्याय दें. मुझे शांति से जीने दें. मुझे जमानत दें.”

रिपोर्ट ; अमित शर्मा

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