West Bengal : पार्थ चटर्जी समेत इन 6 लोगों की जेल में मनेगी Diwali, हिरासत 28 अक्टूबर तक बढ़ी
पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की नियुक्तियों घोटाले के मामले में अदालत ने पूर्व मंत्री पार्थ समेत छह आरोपियों को 28 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया है.पार्थ चटर्जी अदालत में वर्चुअली माध्यम के जरिये सुनवाई का हिस्सा बने और अपनी अस्वस्थता को लेकर न्यायाधीश के समक्ष अपनी बातें रखी.
पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिये स्कूलों में हुईं नियुक्तियों के घोटाले के मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee), पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ कल्याणमय गांगुली, एसएससी की नियुक्ति समिति के पूर्व सलाहकार डॉ शांति प्रसाद सिन्हा, पूर्व सचिव अशोक कुमार साहा और घोटाले में बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले आरोपी प्रसन्न राय व प्रदीप सिंह को लेकर अलीपुर कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. पिछली बार की तरह इस बार भी पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल की जमानत की याचिका नहीं की. शिक्षकों की नियुक्तियों में घोटाले के मामले में अदालत ने पूर्व मंत्री समेत 6 आरोपियों को 28 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया है.
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पार्थ वर्चुअली माध्यम के जरिये सुनवाई का हिस्सा बने
पार्थ चटर्जी अदालत में वर्चुअली माध्यम के जरिये सुनवाई का हिस्सा बने और अपनी अस्वस्थता को लेकर न्यायाधीश के समक्ष अपनी बातें रखी. सूत्रों के अनुसार, सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अदालत में घोटाले को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी को मिले महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में अवगत कराया गया. साथ ही सीबीआई (CBI) की ओर से यह दावा किया गया कि आरोपियों ने पूरी साजिश के तहत घोटाले की एक-एक प्रक्रिया को अंजाम दिया है. उन्होंने अपने प्रभाव का भी इस्तेमाल किया. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पार्थ व अन्य पांच आरोपियों को 28 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया गया है.
हाईकोर्ट ने दिया था सीबीआइ जांच का आदेश
इस वर्ष राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों व अन्य पदों पर कर्मचारियों की नियुक्तियों में गड़बड़ी के आरोप में कलकत्ता हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर हैं. सभी मामलों पर कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के निर्देश पर पूर्व न्यायाधीश रंजीत कुमार बाग के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (एसआइटी) गठित हुई थी. मामलों की जांच के बाद एसआइटी ने अदालत में जो रिपोर्ट जमा की, उसमें उल्लेख किया कि स्कूलों में नियुक्तियों में व्यापक धांधली हुई है. इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया.
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