गोरखपुर : उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी पार्टियों में आरक्षण सूची जारी होने के बाद से हलचल तेज हो गई है. सभी पार्टियों में प्रत्याशी अपने-अपने तरीके से खुद को योग्य प्रत्याशी मानकर दावेदारी कर रहे हैं. वहीं भाजपा बकायदे अपने स्तर से आंतरिक सर्वे करवा रही हैं. सर्वे में प्रदेश से लेकर जिला स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारियों को लगाया गया है. गोरखपुर में निकाय चुनाव में मेयर पद लगातार कई वर्षों से बीजेपी के हाथों में रहा है. जिसको लेकर विपक्ष भी कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रहा.
भाजपा निर्धारित मानक के आधार पर गोपनीय सर्वे करवा रही हैं. पार्टी जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में हैं. बीजेपी सर्वे में इस बात का पूरा ध्यान रख रही है की प्रत्याशियों का पार्टी कार्यक्रमों में सक्रियता कैसी रही है, संगठन में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य कैसा है, सामाजिक व जातीय समीकरण कैसा है, क्षेत्र में उसका प्रभाव किस तरीके का है और उसकी लोकप्रियता कैसी है. इन सभी बिंदुओं पर ध्यान रखते हुए वरिष्ठ पदाधिकारियों का फीडबैक पार्टी ले रही है. नगर निगम के 80 वार्ड में से 70 से 75 वार्ड को जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही पार्टी नेतृत्व किसी भी हालत में समझौता करने को तैयार नहीं है.
वहीं भारतीय जनता पार्टी शहर के प्रभावी लोगों को पार्टी से जोड़ने की योजना बनाई है. बीजेपी से गोरखपुर महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने बताया कि नगर निगम चुनाव को लेकर और निर्धारित लक्ष्य को साधने के लिए भाजपा ने शहर के प्रभावी लोगों को पार्टी से जोड़ने की योजना बनाई है. जिसके लिए 7 अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल के बीच चार स्थानों पर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इस सम्मेलन में पार्टी के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 11 से 13 अप्रैल तक पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर जनसंपर्क करेंगे और लोगों को सरकार द्वारा जनकल्याण के लिए किए गए कार्यों के बारे में बताएंगे और उन्हें पत्रक देंगें. पार्टी ने इसके लिए वार्ड अध्यक्ष, शक्ति केंद्र संयोजक और बूथ अध्यक्ष की जिम्मेदारी तय कर दी है. ये लोग कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्रों में जाकर घर-घर लोगों से संपर्क करेंगे.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर
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