कोलकाता, शिव कुमार राउत : पश्चिम बंग दिवस को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में भाजपा शामिल नहीं हुई थी, लेकिन वह विधानसभा में सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले सकती है. भाजपा विधायक दल के सूत्रों के मुताबिक सात सितंबर को सदन में आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित होने जा रहा है. इससे पहले, मंगलवार को नबान्न असेंबली हॉल में मुख्यमंत्री द्वारा बैठक बुलायी गयी थी. बैठक में नागरिक समाज ने सर्वसम्मति से कहा कि विभाजन का असहनीय दर्द झेलनेवाला कोई भी दिन (20 जून) बंगाल के लोगों का ‘दिन’ नहीं हो सकता. इधर, खबर है कि इस मुद्दे पर सात सितंबर को विधानसभा में परिचर्चा में हिस्सा लेने के बाद अपना पक्ष रखते हुए भाजपा इसका बहिष्कार कर सकती है.
उल्लेखनीय है कि केंद्र के आदेश पर राज्यपाल ने 20 जून को राजभवन में ””पश्चिम बंग दिवस”” मनाया था. दिवस मनाने का पत्र मिलने के बाद माकपा ने सवाल उठाया कि इस मुद्दे पर इतनी जल्दबाजी क्यों है. नबान्न की सभा में मुख्यमंत्री ने बताया था कि जल्दबाजी का कारण यह है कि केंद्र सरकार जल्द ही एक काले अध्याय को लाने जा रही है. उससे पहले, त्वरित निर्णय की जरूरत है. इस बीच नबान्न की बैठक का बहिष्कार करने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा विधानसभा में भी इस प्रस्ताव पर चर्चा का बहिष्कार करेगी.
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हालांकि अब तक की जानकारी के मुताबिक, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी समेत भाजपा के कुछ विधायक सात सितंबर को विधानसभा में पश्चिम बंग दिवस पर चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं. पश्चिम बंग दिवस पर भाजपा विधानसभा में पार्टी की स्थिति या राय दर्ज करा सकती है. वह सरकार द्वारा लाये गये प्रस्ताव के खिलाफ वोट की भी मांग कर सकती हैं. विधानसभा में चर्चा करने के बाद बैठक का बहिष्कार करते हुए भाजपा के विधायक राज्यपाल से मुलाकात करने जा सकते हैं. कुल मिलाकर लोगों की निगाह इस बात पर टिकी है कि प्रदेश भाजपा विधानसभा में क्या स्टैंड लेनेवाली है.
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