इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम आदेश, सिर्फ अपील लंबित होने की वजह से पासपोर्ट आवेदन को नहीं कर सकते निरस्त

Allahabad High court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि आवेदनकर्ता का आवेदन सिर्फ इस आधार पर निरस्त नहीं किया जा सकता कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य ने अपील दायर की है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2021 8:30 AM
an image

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पासपोर्ट आवेदन निरस्त मामले में दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी पासपोर्ट आवेदन कर्ता के आवेदन को ऐसे ही निरस्त नहीं किया जा सकता. आवेदन को निरस्त करने के लिए पासपोर्ट की धारा 1967 के तहत कुछ प्रावधान किए गए हैं.

आवेदनकर्ता यदि इन नियमों के तहत आवेदन करता है तो उसके आवेदन को स्वीकार किया जाना चाहिए. इस आदेश को न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की बेंच ने यह आदेश प्रमोद कुमार राजभर व दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

कोर्ट ने कहा की यदि किसी मामले में आवेदन करता आरोपी रहा है और कोर्ट के माध्यम से बरी कर दिया गया है तो उसके आवेदन पर निर्णय लिया जाना चाहिए. आवेदनकर्ता का आवेदन सिर्फ इस आधार पर निरस्त नहीं किया जा सकता कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य ने अपील दायर की है.

याची के खिलाफ पॉस्को एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में बलिया के पकड़ी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. ट्रायल कोर्ट ने आरोप सिद्ध न होने के चलते उसे बरी कर दिया. याची के खिलाफ अब राज्य ने अपील दायर कर दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि अपील लंबित होने से उसके आदेवन को निरस्त नहीं किया जा सकता है.

याची पासपोर्ट पाने का हकदार है. क्योंकि, वह पासपोर्ट एक्ट-1967 की धारा छह में दी गई किसी शर्त में नहीं आ रहा है। हाईकोर्ट ने पासपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दिया कि वह याची के आवेदन पर विचार करते हुए तीन महीने में पासपोर्ट प्रदान करे.

Also Read: चुनावी साल में बाहुबली बृजेश सिंह की बढ़ सकती है मुश्किलें, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केस ट्रायल की मांगी जानकारी

रिपोर्ट : एसके इलाहाबादी

Exit mobile version