Cg Election: खरसिया में रहा है पटेलों का जलवा, भूपेश बघेल सरकार में उमेश पटेल को मिले कई अहम विभाग

छत्तीसगढ़ में अब तक हुए विधानसभा चुनावों में खरसिया सीट पर पटेलों का जलवा रहा है. सभी 4 चुनावों में पटेल ही जीते हैं. वर्ष 2003 के पहले चुनाव में नंद कुमार पटेल कांग्रेस के टिकट पर जीते. दूसरे चुनाव में बीजेपी के टिकट पर वही जीते. तीसरे और चौथे चुनाव में उमेश पटेल ने कांग्रेस के लिए यह सीट जीती.

By Mithilesh Jha | October 13, 2023 6:49 PM

Cg Election 2023: छत्तीसगढ़ के खरसिया विधानसभा सीट पर अब तक पटेलों का ही कब्जा रहा है. वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव हों या उसके बाद अब तक हुए असेंबली इलेक्शन. हर बार पटेल ही जीता है. दो बार नंद कुमार पटेल ने इस विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की, तो दो बार उमेश पटेल ने कांग्रेस का परचम लहराया. हालांकि, नंद कुमार पटेल एक बार कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे, तो दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर जीतकर विधायक बने.

2018 में उमेश पटेल को मिले थे 52.92 फीसदी वोट

वर्ष 2018 के छत्तीसगढ़ विधासभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उमेश पटेल ने खरसिया विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 52.92 फीसदी वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर बीजेपी के ओपी चौधरी रहे थे, जिन्हें 43.39 फीसदी मत मिले थे. निर्दलीय उम्मीदवार विजय शर्मा को एक फीसदी से भी कम 0.7 फीसदी वोट प्राप्त हुए. विजय शर्मा को जितने वोट मिले थे, उससे ज्यादा मतदाताओं ने नोटा (NOTA) दबाया था. नोटा दबाने वाले वोटरों का प्रतिशत 1.33 था.

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खरसिया में 2018 में पड़े थे 87.43 फीसदी वोट

वोट की बात करें, तो छत्तीसगढ़ के इस अनारक्षित विधानसभा सीट पर कुल 2,03,609 वोटर मतदान के लिए पंजीकृत थे. लेकिन इनमें से 87.43 फीसदी (1,78,006) मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इनमें से उमेश पटेल के पक्ष में 94,201 लोगों ने वोट किया, तो ओपी चौधरी को 77,324 लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ. 1,252 लोगों ने विजय शर्मा के पक्ष में मतदान किया और 2,368 लोगों ने नोटा का बटन दबाया.

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अमेरिका और बैंकॉक की यात्रा कर चुके हैं उमेश पटेल

अब एक नजर उमेश पटेल के व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन पर डालते हैं. उमेश पेटल शहीद नंदकुमार पटेल के बेटे हैं. उनका जन्म रायगढ़ जिले के नंदेली में 28 नवंबर 1983 को हुआ. 19 मई 2013 को वह विवाह बंधन में बंधे. उनकी पत्नी का नाम सुधा पटेल है. उनका जन्म 16 जनवरी 1989 को हुआ था. उमेश और सुधा की एक पुत्री है. बीई (आईटी) की पढ़ाई करने वाले उमेश पटेल का व्यवसाय कृषि है. उन्होंने अमेरिका और बैंकॉक की यात्रा की है.

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2013-14 में बने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के महासचिव

कांग्रेस पार्टी के युवा नेता उमेश पटेल वर्ष 2013-14 में छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के महासचिव बनाये गये थे. वर्ष 2013 में उन्होंने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीते. वर्ष 2018 में एक बार फिर कांग्रेस ने उन पर दांव लगाया और उमेश पटेल ने यह सीट पार्टी की झोली में डाल दी. छत्तीसगढ़ में मंत्री बनने के पहले वह कई समितियों के सदस्य रहे.

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छत्तीसगढ़ विधानसभा की कई समितियों में रहे सदस्य

वर्ष 2014-15 में उमेश पटेल को सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति, पुस्तकालय समिति, महिलाओं एवं बालकों के कल्याण संबंधी समिति का सगस्य बनाया गया. वर्ष 2015-16 में वह प्र्सन एवं संदर्भ समिति, आचरण समिति, महिलाओं एवं बालकों के कल्याण संबंधी समिति में सदस्य रहे. वर्ष 2016-17 में उनको प्राक्कलन समिति, प्रत्यायुक्त विधान समिति का सदस्य बनाया गया.

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भूपेश बघेल सरकार में मंत्री बने उमेश पटेल

वर्ष 2017-18 में उन्हें गैर-सरकारी सदस्यों के विधेयकों तथा संकल्पों संबंधी समिति का सदस्य बनाया गया. इसके साथ-साथ सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति का भी उन्हें सदस्य बनाया गया. वर्ष 2018 में जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी, तो उमेश पटेल को उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल और युवा कल्याण मंत्री बनाया गया.

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खरसिया में एक बार बीजेपी, तीन बार कांग्रेस जीती

खरसिया विधानसभा सीट से छत्तीसगढ़ बनने के बाद हुए चार चुनावों में दो-दो बार नंद कुमार पटेल और उमेश पटेल ने जीत दर्ज की है. वर्ष 2003 में नंद कुमार पटेल ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था. वर्ष 2008 में वह बीजेपी में शामिल हो गये और यह सीट बीजेपी की झोली में चली गयी. लेकिन वर्ष 2013 और वर्ष 2018 के चुनावों में उमेश पटेल ने बीजेपी से यह सीट छीनकर फिर कांग्रेस की झोली में डाल दी. इस तरह खरसिया विधानसभा सीट से चार चुनावों में एक बार बीजेपी ने जीत दर्ज की, जबकि तीन बार कांग्रेस ने.

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नवंबर-दिसंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव

छत्तीसगढ़ इलेक्शन 2023 के लिए एक बार फिर सभी दलों ने कमर कस ली है. खासकर कांग्रेस और बीजेपी ने. बीजेपी एक बार फिर छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ होना चाहती है, तो कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से जीतने के लिए बेताब है. 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने हैं. वर्तमान विधानसभा में कांग्रेस के सबसे ज्यादा 71 सदस्य हैं. बीजेपी के अब सिर्फ 13 विधायक रह गये हैं.

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