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कोरोना पॉजिटिव को बता रहा था निगेटिव, इस जांच एजेंसी पर दर्ज होगी एफआइआर

धनबाद में कोरोना संक्रमित (पॉजिटिव) मरीजों को निगेटिव रिपोर्ट उपलब्ध कराने का खेल चल रहा था. यह काम कर रही थी जिले में संचालित जांच एजेंसी पैथकाइंड और उसकी शाखाएं. पैथकाइंड गलत तरीके से कोरोना संक्रमित मरीजों की इंट्री (प्रविष्टि), कोविड-19 मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से कर रहा था.

धनबाद में कोरोना संक्रमित (पॉजिटिव) मरीजों को निगेटिव रिपोर्ट उपलब्ध कराने का खेल चल रहा था. यह काम कर रही थी जिले में संचालित जांच एजेंसी पैथकाइंड और उसकी शाखाएं. पैथकाइंड गलत तरीके से कोरोना संक्रमित मरीजों की इंट्री (प्रविष्टि), कोविड-19 मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से कर रहा था. इसके बाद पॉजिटिव रिपोर्ट निगेटिव कर जारी कर दी जा रही थी. प्रशासनिक जांच में इसका खुलासा हुआ. पैथकाइंड का एक कर्मचारी इसके लिए प्रति रिपोर्ट 400 रुपये भी दे रहा था.

इस खुलासे के बाद उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने बुधवार को पैथकाइंड के सीनियर सेल्स एग्जीक्यूटिव को शो-कॉज नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में सपष्टीकरण मांगा है. प्रशासन ने पैथकाइंड के विकास को मुख्य आरोपी मानते हुए एफआइआर दर्ज करने तथा उसे दी गयी पैथकाइंड की सभी शाखाओं की एनओसी रद्द करने का निर्देश दिया है. सिक्यूरिटी मनी भी जब्त करने का निर्देश दिया गया है. बाघमारा के वीएलइ गाैतम पर भी मुकदमा करने का निर्देश बाघमारा के अंचल अधिकारी को दिया गया है.

क्या है इंट्री का तरीका : जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में प्रविष्टि (इंट्री) के तरीके के बारे में बताया कि प्रत्येक सैंपल संग्रह के उपरांत आरटी-पीसीआर एप के माध्यम से प्रविष्टि की जाती है. उक्त प्रविष्टि में मरीजों की विस्तृत विवरणी अंकित की जाती है. एसआरएफ जेनरेट होने के बाद सीएमएस पोर्टल में परिणाम को अपडेट किया जाता है. सीएमएस पोर्टल में परिणाम को अपडेट करने के उपरांत रिजल्ट पोर्टल के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है

  • प्रशासनिक जांच में हुआ मामले का खुलासा

  • मुख्य आरोपी विकास और वीएलइ गाैतम पर एफआइआर दर्ज करने का दिया निर्देश

  • पैथकाइंड की शाखाओं की एनओसी रद्द करने तथा सिक्यूरिटी मनी जब्त करने का निर्देश

  • आरटीपीसीआर की जगह आरएटी जांच की जा रही थी

  • एसआरएफ जेनरेशन के क्रम में डिवाइस की लोकेशन बकरहट्टा, झरिया व सिंदरी में मिली

  • प्रत्येक जांच रिपोर्ट के लिए मिलते थे चार साै रुपये

हो क्या रहा था : प्रशासनिक जांच में समिति ने पाया कि जिले में संचालित एजेंसी पैथकाइंड व उसकी शाखाओं द्वारा गलत तरीके से कोरोना संक्रिमत मरीजों को निगेटिव रिपोर्ट उपलब्ध कराने का खेल चल रहा है. खुलासा हुआ कि अनधिकृत रूप से कलेक्शन सेंटर द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों का सैंपल एकत्र कर उसकी इंट्री सीएमएस पोर्टल पर कर गलत रिपोर्ट तैयार की जा रही थी.

समिति द्वारा जांच के क्रम में बिनोद बिहारी महतो विद्यायल, बाघमारा स्थिति कलेक्शन सेंटर को चिह्नित किया गया, जहां से 190 से ज्यादा प्रविष्टि उपरोक्त स्कूल के लॉगिन के माध्यम से एक से 24 दिसंबर के बीच में की गयी है. समिति द्वारा विभिन्न लोगों, जो उक्त कलेक्शन सेंटर से संपर्क में थे, से पूछताछ और छानबीन के क्रम में पैथकाइंड की शाखा में कार्यरत विकास को गलत तरीके से प्रविष्टि एवं रिपोर्ट निर्गत करने के लिए दोषी पाया गया.

पैथकाइंड का कर्मी है विकास : मुख्य आरोपी विकास पैथकाइंड शाखा में कार्यरत है. उक्त एजेंसी का चार संग्रह केंद्र अधिकृत रूप से केवल आरटी पीसीआर के माध्यम से कोरोना संक्रमित मरीजों के जांच के लिए प्राधिकृत है. मुख्य आरोपी विकास पैथकाइंड डायनोस्टिक सेंटर के नाम पर आरएटी टेस्ट के माध्यम से भी जांच कर रहा था. एसआरएफ जेनरेट सिर्फ आरटी-पीसीआर के मामले में किया जाता है.

आरोपी ने सभी रिपोर्ट वरुण, जो वर्तमान में पीएमसीएच माइक्रो बायलॉजी लैब में कार्यरत है, के लॉगिन का इस्तेमाल किया है. पूर्व में वरुण के लॉगिन का उपयोग गौतम कुमार (वीएलइ) के द्वारा भी किया गया था. जांच के क्रम में यह भी पाया गया कि विकास द्वारा उपलब्ध करायी गयी मरीजों की गलत सूचना की प्रविष्टि गौतम द्वारा भी करायी गयी है.

गौतम द्वारा अनधिकृत आरएटी टेस्ट संचालन एवं सीएमएस पोर्टल में बिनोद बिहारी महतो, स्कूल बाघमारा के लॉगिन आइडी का गलत इस्तेमाल कर प्रविष्टि करने का दोषी पाया गया है. गौतम को भी गलत तरीके से आरएटी किट प्राप्त करने तथा उसे विकास को उपलब्ध कराने के लिए दोषी पाया गया है. अनधिकृत रूप से आरएटी किट की प्राप्ति व विकास द्वारा जांच व रिपोर्ट जेनरेशन के लिए गौतम से बातजीत की विवरणी वाट्सएप चैट हिस्ट्री के माध्यम से भी समिति को प्राप्त हुई है.

आरोपी गौतम ने स्वीकारा, 400 रुपये में जेनरेट कर रहा था रिपोर्ट : एसआरएफ जेनरेशन के क्रम में सभी डिवाइस की लोकेशन बकरहट्टा, झरिया व सिंदरी दर्ज की गयी है. जांच के क्रम में समिति के समक्ष आरोपी गौतम ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोप को स्वीकार भी किया है. साथ ही अनधिकृत रूप से कोविड-19 जांच रिपोर्ट वीएलइ के माध्यम से निर्गत करने की पुष्टि भी की है.

गौतम ने समिति को बताया कि विकास द्वारा प्रत्येक जांच रिपोर्ट जेनरेशन करने के लिए उसे 400 रुपये प्राप्त हुए हैं. उसने यह भी स्वीकार किया है कि उसके द्वारा अनधिकृत रूप से आरएटी जांच आरटी-पीसीआर के स्थान पर की गयी है. साथ ही लोगों को यह झूठा आश्वासन दिया गया कि वर्तमान में आरएटी जांच की जा रही है. तीन दिनों के अंदर आरटी-पीसीआर के माध्यम से पुन: जांच की जायेगी.

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Posted by : Pritish Sahay

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