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Pati, Patni और बंगाल चुनाव, एक पत्नी ऐसी भी, HC से TMC कैंडिडेट पति के नॉमिनेशन को रद्द करने की मांग…

Pati Patni Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अजीब-अजीब रंग देखने को मिल रहे हैं. लोगों के सिर पर होली के मौसम में चुनाव की खुमारी है. दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. दरअसल, हर कैंडिडेट अपने विरोधियों के नामांकन को रद्द कराने की फिराक में रहता है. लेकिन, पूर्वी मेदिनीपुर के खिजुड़ी विधानसभा सीट से टीएमसी कैंडिडेट का नामांकन रद्द करने के लिए उनकी पत्नी ने ही हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2021 9:03 PM

Pati Patni Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अजीब-अजीब रंग देखने को मिल रहे हैं. लोगों के सिर पर होली के मौसम में चुनाव की खुमारी है. दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. दरअसल, हर कैंडिडेट अपने विरोधियों के नामांकन को रद्द कराने की फिराक में रहता है. लेकिन, पूर्वी मेदिनीपुर के खिजुड़ी विधानसभा सीट से टीएमसी कैंडिडेट का नामांकन रद्द करने के लिए उनकी पत्नी ने ही हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.

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याचिकाकर्ता लिपिका का पति पर कई आरोप

तृणमूल कांग्रेस के कैंडिडेट पार्थ प्रतीम दास के नामांकन को रद्द करने की मांग करते हुए उनकी पत्नी लिपिका दास ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिकाकर्ता लिपिका दास की वकील मधु जाना का कहना है कि खिजुड़ी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करते समय कई तथ्यों को छिपाया गया है.

उनका आरोप है कि पार्थ प्रतीम दास और उनके मुवक्किल लिपिका दास के बीच तलाक का मामला चल रहा है. दोनों लंबे अरसे से एक-दूसरे से अलग रहते हैं. उनका एक पुत्र भी है और इसी बीच पार्थ प्रतीम दास ने दूसरी शादी भी कर ली है. इसकी जानकारी पार्थ प्रतीम दास ने अपने नामांकन पत्र में नहीं दी है.

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आयोग से नाकामी के बाद हाईकोर्ट में याचिका

लिपिका दास के मुताबिक पार्थ प्रतीम दास ने आश्रितों के बारे में भी कुछ नहीं बताया है. सिर्फ यही नहीं, लिपिका दास ने पार्थ प्रतीम दास पर संपत्ति छिपाने का भी आरोप लगाया है. पार्थ प्रतीम के पास एक बाइक है, जिसकी जानकारी उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में नहीं दी है. लिपिका दास की वकील मधु जाना ने बताया कि इसे लेकर उन्होंने 20 मार्च को चुनाव आयोग के समक्ष भी शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन, आयोग ने कार्रवाई नहीं की. इसके बाद उन्होंने पार्थ प्रतीम दास का नामांकन रद्द करने की मांग करते हुए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. (कोलकाता से अमर शक्ति की रिपोर्ट)

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