जामताड़ा सदर अस्पताल में मरीजों को दवा के लिए ढीली करनी पड़ रही जेब, कई जरूरी दवाईयां नहीं है उपलब्ध

एक तरफ मौसम के बदलते रुख की वजह से तेजी से बीमार हो रहे हैं, दूसरी तरफ अस्पतालों में दवाएं कम पड़ रही है. जिला अस्पताल सहित पीएचसी, सीएचसी में कई जरूरी दवाईयां उपलब्ध नहीं हैं. इससे मरीजों को कई दवाईयां बाहर से खरीदनी पड़ रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2022 1:45 PM

Jamtara News: एक तरफ मौसम के बदलते रुख की वजह से तेजी से बीमार हो रहे हैं, दूसरी तरफ अस्पतालों में दवाएं कम पड़ रही है. जिला अस्पताल सहित पीएचसी, सीएचसी में कई जरूरी दवाईयां उपलब्ध नहीं हैं. इससे मरीजों को कई दवाईयां बाहर से खरीदनी पड़ रही है. गर्मी, उमस और बारिश होने से मौसम में बार-बार बदलाव हो रहा है. जिससे जिले में बीमारियों में बढ़ोतरी हो गई है. जिले के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसी बीच अस्पतालों में दवाई की कमी है. मरीजों को मेडिकल स्टोर से दवाएं लेनी पड़ रही है.

सदर अस्पताल से लेकर प्रखंड के अस्पतालों में दवाई का टोटा

जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज अपनी बीमारियां लेकर अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश में अस्पताल पहुंचते हैं, पर दवाई की कमी से परेशानी बढ़ जाती है और मरीजों काे जेब खाली करना पड़ता है. जामताड़ा सदर अस्पताल में इन दिनों कई प्रकार की दवा नहीं है. जैसे गैस की दवा से लेकर आयरन की गोली, कैल्सियम की दवाई का टोटा है. वहीं बच्चे के लिए एंटीबायोटिक सहित कई प्रकार की दवाई नहीं है. जबकि गैस की दवाई की सभी लोगों को जरूरत पड़ती है.

Also Read: दुमका जिप सदस्य ने कैंसर पीड़ित से की मुलाकात, कहा- लिवर ट्रांसप्लांट के लिए CM से करेंगे मुलाकात
मामूली बीमारी का भी नहीं हो पा रहा इलाज

नारायणपुर. प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 135 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है. जिनमें एविल, एंटी रैबीज, एंटी वेनम, एंटीबायोटिक समेत अन्य जरूरी दवाई उपलब्ध है. यह जानकारी देते हुए सीएचसी नारायणपुर के फार्मासिस्ट सह भंडारपाल अरुण कुमार ने कहा कि अस्पताल में मरीजों के लिए आवश्यक सभी दवाइयां उपलब्ध है. लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि सभी प्रकार की दवाइयां और इंजेक्शन उपलब्ध होने के बाद भी सीएचसी नारायणपुर में मामूली बीमारी का भी इलाज नहीं हो पाता है. लोग इलाज कराने के लिए धनबाद, देवघर, रांची, बोकारो या अन्य जगह जाते हैं. सड़क दुर्घटना के मामले में 90% से अधिक मरीजों को जामताड़ा या धनबाद रेफर कर दिया जाता है.

कहते हैं प्रभारी उपाधीक्षक

डॉ. डीसी मुंशी ने कहा कि सप्लायर को ऑर्डर दिया गया है, साथ ही बकाया राशि भी कुछ दिया गया है. जो भी दवाई की कमी है, एक-दो दिन में मिलना प्रारंभ हो जायेगा.

Next Article

Exit mobile version