धनबाद: पारा चढ़ते ही बीपी, दस्त, उल्टी के मरीज बढ़े, मेडिसिन विभाग में 210 बेड फुल
गर्मी का पारा बढ़ने के साथ ही गर्मीजनित बीमारियों के मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है. धनबाद के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में आलम यह है कि मेडिसिन विभाग के सभी 210 बेड शनिवार से ही फुल हैं.
धनबाद: गर्मी बढ़ने के साथ ही गर्मीजनित बीमारियों के मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है. स्थिति यह है कि जिले के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में मेडिसिन विभाग के सभी 210 बेड शनिवार से ही फुल हैं. मरीजों को यहां बेड खाली होने का इंतजार करना पड़ रहा है. मरीजों की गंभीर स्थिति को देखते हुए कुछ को दूसरे वार्ड में रखा जा रहा है. अभी मेडिसिन विभाग में ब्लड प्रेशर बढ़ने, दस्त, उल्टी, अनिंद्रा के साथ बेचैनी की समस्या लेकर सबसे ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. लू लगने वाले मरीजों की संख्या भी दो दिनों में बढ़ी है. विभाग के एचओडी डॉ यूके ओझा ने बताया कि गर्मी में बीपी बढ़ने, दस्त, उल्टी, अनिंद्रा, बेचैनी के मरीजों की संख्या में इजाफा होता है. गर्मी में बेचैनी व अनिंद्रा के कई कारण हो सकते है. अत्यधिक गर्मी में देर तक बाहर रहने वाले बीपी के मरीजों को बेचैनी हो सकती है. नींद नहीं आने से भी बेचैनी हो सकती है.
हिट स्ट्रोक की शिकायत लेकर पहुंच रहे मरीज
डॉ यूके ओझा ने बताया कि वर्तमान में ओपीडी में उल्टी, तेज बुखार, कमजोरी, सिर दर्द, चक्कर आदि की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे हैं. आम तौर पर यह हीट स्ट्रोक के लक्षण हैं.
बाहर के खाने से करें परहेज, खाली पेट नहीं निकलें
डॉ यूके ओझा ने बताया कि डायरिया से बचने के लिए सर्वप्रथम बाहर के खाने से परहेज करें. गर्मी में तले-भूने भाेजन का सेवन करने से बचें. शीतल पेय का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. हीटस्ट्रोक से बचने के लिए जरूरी है कि पेट को हमेशा भरा रखे. खाली पेट घर से बाहर न निकलें. नमक-चीनी का घोल, छाछ, नींबू-पानी, आम का शर्बत, लस्सी, तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी आदि का सेवन करें. समय-समय पर शरीर को ठंडे पानी से पोछें.