Agra News: एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा के जूनियर डॉक्टर्स शुक्रवार से कार्य बहिष्कार पर बैठे हैं. इसके बाद उन्होंने शनिवार को ओपीडी और आईपीडी की सेवाओं का भी कार्य बहिष्कार कर दिया. इसकी वजह से कॉलेज में आने वाले तमाम मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जूनियर डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार की वजह से सीनियर डॉक्टरों को ड्यूटी पर लगा दिया है.
एसएन मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार से जूनियर डॉक्टर पीजी नीट काउंसलिंग की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार पर बैठे हुए हैं, जिसकी वजह से उन्होंने ओपीडी और आईपीडी में सेवाएं देना बंद कर दिया है.
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दरअसल, पीजी परीक्षा जनवरी 2021 में और काउंसलिंग मई 2021 में होनी थी. जूनियर डॉक्टर्स को प्रथम वर्ष में प्रवेश मिलना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जूनियर डॉक्टर्स ने बताया कि पहले कोरोना वायरस और फिर ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया. इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 6 जनवरी 2022 में होनी है जिसको लेकर जूनियर डॉक्टर्स की ओपीडी और आईपीडी में सेवाएं नहीं दे रहे हैं.
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जूनियर डॉक्टर कनिका अग्रवाल ने बताया कि उनकी पीजी काउंसलिंग ना होने की वजह से वह सभी लोग शांतिपूर्ण तरीके से कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे हुए हैं. जब तक सरकार और कॉलेज प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं करेगा, तब तक वह किसी भी मरीज को नहीं देखेंगे. वहीं उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स ने सिर्फ ओपीडी और आईपीडी में कार्य बहिष्कार किया है. इसके अलावा इमरजेंसी सेवा में किसी भी मरीज को लगातार देखा जाएगा.
मानसिक विभाग के डॉक्टर आयुष कपूर ने बताया कि कार्य बहिष्कार के दौरान वह ओपीडी और आईपीडी में मरीज नहीं देखेंगे. बाकी इमरजेंसी सेवाएं व अन्य सेवाओं में वे लगातार अपनी नजर बनाए हुए हैं, जहां भी जरूरत पड़ेगी तत्काल ही वह मौजूद रहेंगे.
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एसएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स द्वारा ओपीडी और आईपीडी में कार्य बहिष्कार की वजह से एसएन में अपना इलाज कराने वाले तमाम मरीज भटकते हुए नजर आए. जहां कई जगह जूनियर डॉक्टर की जगह सीनियर रेजिडेंट को काम पर लगाया गया. वहीं कई ऐसे मरीज भी थे, जिन्हें बाहर ही अपना इलाज करवाना पड़ा. एक मरीज का तो ऑटो पर इलाज कराता हुआ नजर आया.
(रिपोर्ट- राघवेंद्र सिंह गहलोत, आगरा)