पूर्वी चंपारण के घोरासन में रेल पटरी पर बम रखने के आरोप में गिरफ्तार गजेंद्र शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. पटना उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने एनआईए की विशेष अदालत को आदेश दिया है कि रोजाना इस मामले की सुनवाई करे और एक साल के अंदर केस की सारी प्रक्रिया पूरी करे.
पटरी पर कुकर बम रखने और रेल हादसे की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद गजेंद्र शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायधीश अश्विनी कुमार सिंह और पी बी बैजंत्री ने आरोपित की जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया. वहीं एनआईए की विशेष अदालत को आदेश दिया की वह इस मामले पर प्रतिदिन सुनवाई करे और एक वर्ष के अंदर प्रक्रिया पूरी की जाए.
जमानत के लिए दोनों पक्षों ने अपने दावे किये. अभियुक्त की तरफ से जमानत देने की मांग सिद्धार्थ हर्ष कर रहे थे. उन्होंने बताया की उनका मुवक्किल फरवरी,2017 से जेल में बंद है. एनआईए की चार्जशीट में 138 गवाहों की सूची दी गई है,जिसमे अब तक 33 की गवाही ही एनआईए कोर्ट में हो सकी है.
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एनआईए की विशेष अभियोजक छाया मिश्र ने याचिका खारिज करने की मांग अदालत से की. उन्होंने कहा कि अभियोजन इस केस के सभी गवाहों की जांच जल्द ही कर लेगा. बताया कि कोविड 19 महामारी के कारण गवाहों के परीक्षण में लेट हुआ. उन्होंने दावा किया कि अब स्थिति सामान्य हो चुकी है इसलिए जल्द ही सारे गवाहों का परीक्षण कर लिया जाएगा.
एनआईए के वकील ने जमानत देने का विरोध किया और कहा कि जांच में यह पता चला है कि अपीलकर्ता ने बाकी साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर रेलवे ट्रैक पर विस्फोटक उपकरण रखा था. आरोपित के बैंक अकाउंट से पैसे का लेन-देन भी पाया गया है. साथ ही उसके स्टूडियो से जो सामग्री प्राप्त हुई है उससे स्पष्ट रूप से साजिश में अपीलकर्ता की भागीदारी दिखती है. जिसके बाद अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया.
Published By: Thakur Shaktilochan