बोकारो के सागर को पटना पाइरेट्स टीम ने किया शामिल, प्रो-कबड्डी में छाने के लिए हैं तैयार
सागर ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट की तुलना में प्रो-लीग में प्रतिस्पर्धा काफी है. यदि बिहार-झारखंड में बेहतर सुविधा मिले, तो बड़ी संख्या में खिलाड़ी निकलेंगे और प्रो-कबड्डी में चुनौती देंगे.
आगामी प्रो-कबड्डी लीग के लिए पटना पाइरेट्स टीम ने इस बार युवाओं को मौका दिया है. झारखंड के बोकारो के रहनेवाले सागर कुमार भी उनमें से एक हैं. बेंगलुरु में पटना पाइरेट्स टीम का कैंप लगा हुआ है. 7 अक्तूबर से शुरू होनेवाली इस लीग के लिए कोच रवि शेट्टी की निगरानी में खिलाड़ी कड़ा अभ्यास कर रहे हैं. झारखंड के रहनेवाले सागर भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. शिविर से बातचीत के दौरान सागर ने बताया कि ‘प्रो-कबड्डी में खेलना उनके लिए एक सपना था और अभी अपनी फिटनेश और टाइमिंग पर काम कर रहे हैं’
टाइमिंग और रेडिंग सुधारने के लिए घंटों मेहनत कर रहा हूं:
सागर ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट की तुलना में प्रो-लीग में प्रतिस्पर्धा काफी है. दुनिया भर के शीर्ष खिलाड़ी इसमें हिस्सा लेते हैं. टीम में जगह बनाने के लिए हर मैच में 100 फीसदी फीट रहना महत्वपूर्ण है. इस पर ध्यान दे रहा हूं. टाइमिंग और रेडिंग सुधारने के लिए घंटों मेहनत कर रहा हूं. टीम में सीनियर खिलाड़ियों से काफी मदद मिल रही है, जिससे कमियां सुधारना काफी आसान हो गया है. कोच रवि शेट्टी से अच्छा मार्ग दर्शन मिल रहा हैं. उम्मीद है पटना पाइरेट्स की प्लेइंग टीम में जगह बनाने में सफल रहूंगा.
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प्रो-कबड्डी में खेलना सपना था: सागर
उन्होंने कहा कि कई वर्षों से घरेलू टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर रहा था, ताकि प्रो-कबड्डी में खेल सकूं. इस बार सपना पूरा हो रहा है, जिससे काफी खुश हूं. प्रो-कबड्डी की सबसे सफल टीम रही पटना पाइरेट्स ने पिछले कुछ सीजन से खिताब नहीं जीता है. सागर को उम्मीद है कि इस बार हम चैंपियन बनने में सफल रहेंगे.
बेहतर सुविधा मिले तो बड़ी संख्या में निकलेंगे खिलाड़ी
सागर ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर खिलाड़ियों की सुविधा में कमी है, जिससे वह मेहनत करते हैं, लेकिन आगे नहीं बढ़ पाते हैं. खासकर बिहार-झारखंड में बेहतर सुविधा मिले, तो बड़ी संख्या में खिलाड़ी निकलेंगे और प्रो-कबड्डी में चुनौती देंगे. प्रो-कबड्डी लीग के पिछले सीजन में कोरोना की वजह से कबड्डी खिलाड़ियों को बायोबबल में रहना पड़ता था. हालांकि इस बार आयोजकों की ओर से राहत दी गयी है. जिससे खिलाड़ियों को तैयारी करने में थोड़ी आसानी मिल गयी है.