Paush Month Start Date: इस दिन से शुरु हो रहा है पौष का महीना, सूर्य होते हैं उत्तरायण, जानें इसका महत्व
Paush Month 2021: 20 दिसंबर, सोमवार के दिन से ही पौष माह की शुरुआत हो रही है. और 17 जनवरी 2022 को इसका समपान होकर माघ माह की शुरुआत होगी. पौष माह में चंद्रमा पूर्णिमा वाले दिन पुष्य नक्षत्र में होता है, इस कारण इस महीने को पौष या पूस का महीना कहा जाता है.
Paush Month 2021: 20 दिसंबर, सोमवार के दिन से ही पौष माह (Paush Month 2021) की शुरुआत हो रही है. और 17 जनवरी 2022 को इसका समपान होकर माघ माह की शुरुआत होगी. पौष माह में चंद्रमा पूर्णिमा वाले दिन पुष्य नक्षत्र में होता है, इस कारण इस महीने को पौष या पूस का महीना कहा जाता है. यहां जानिए पौष के महीने की धार्मिक महत्ता के बारे में.
पौष माह का महत्व (Paush Month Significance)
पौष माह में सूर्य देव की उपासना का खास मह्तव है. इस माह में सूर्य देव की उपासना भग नाम से करनी चाहिए. भग नाम ईश्वर का स्वरूप माना गया है. वहीं, पौष माह पितरों को मुक्ति दिलाने वाला महीना भी कहा जाता है. इतना ही नहीं, इसे मिनी पितृपक्ष भी माना जाता है. दरअसल, पौष मास के दौरान सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं. और इस दौरान सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं.
पौष मास में खान-पान में किस तरह की सावधानी और ख्याल रखें ?
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खाने पीने में मेवे और स्निग्ध चीज़ों का इस्तेमाल करें .
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चीनी की बजाय गुड़ का सेवन करें .
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अजवाइन, लौंग और अदरक का सेवन लाभकारी होता है .
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इस महीने में ठन्डे पानी का प्रयोग, स्नान में गड़बड़ी और अत्यधिक खाना खतरनाक हो सकता है.
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इस महीने में बहुत ज्यादा तेल घी का प्रयोग भी उत्तम नहीं होगा.
पौष अमावस्या और पूर्णिमा का भी महत्व (Paush Month Significance)
पौष के महीने का धार्मिक महत्व बढ़ जाने के कारण इस माह की अमावस्या और पूर्णिमा का महत्व भी कहीं ज्यादा होता है. पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों के पूजन और स्नान से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. वहीं इस माह की अमावस्या को पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए शुभ माना जाता है.
Posted By: Shaurya Punj