Paush Month 2022 does and donts: आज 9 दिसंबर 2022 से पौष माह की शुरूआत हो चुकी है. पौष मास हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस मास में कुछ कार्य करना शुभ होता है. इस इसके साथ ही इस मास को छोटा पितृ पक्ष के रूप में भी जानते हैं. इस माह पिंड दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वह परिवारजनों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. जानिए पौष मास में क्या क्या कार्य करना चाहिए, इससे आपको शुभफल मिलेगा
इस माह में सूर्यदेव को नियमित रूप से अर्घ्य देना चाहिए. अर्घ्य के दौरान जल में रोली, अक्षत, गुड़ और लाल पुष्प आदि डालें. अर्घ्य देते समय ‘ॐ आदित्याय नमः’ मंत्र बोलें.
पौष मास में रोजाना सूर्य देव को जल अर्पित करें. जल में सिंदूर, लाल फूल और थोड़ा सा अक्षत अवश्य डालें.
पवित्र नदियों में स्नान, पूजन और दान के लिहाज से ये महीना बहुत पुण्यदायी है. ऐसा करने से कई गुणा फल की प्राप्ति होती है. वामन पुराण के अनुसार पौष माह में ग्रह, अन्न आदि का दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. पौष मास में भगवान विष्णु की पूजा करें और गीता का पाठ और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.
पौष मास में दान का विशेष महत्व है। इसलिए इस मास में जरूरतमंदों को कंबल, गर्म कपड़े, गुड़, तिल आदि का दान करें.
पौष मास में गुड़ का सेवन करना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा लौंग, अदरक, अजवाइन जैसी गर्म चीजों का सेवन करें
गायत्री मंत्र का जाप भी पौष माह में काफी उपयोगी माना जाता है. गायत्री मंत्र के जाप से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है.
पौराणिक ग्रंथों की मान्यता अनुसार पौष मास में सूर्य देव की उपासना उनके भग नाम से करनी चाहिए. पौष मास के भग नाम सूर्य को ईश्वर का ही स्वरूप माना गया है. पौष मास में सूर्य को अर्ध्य देने व इनका उपवास रखने का विशेष महत्व माना गया है. मान्यता है कि इस मास प्रत्येक रविवार व्रत व उपवास रखने और तिल चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से मनुष्य तेजस्वी बनता है.