Paush Month 2021: 20 दिसंबर, सोमवार से ही पौष माह (Paush Month 2021) का आरंभ हो रहा है. 17 जनवरी 2022 को यह माह समाप्त होगा और माघ माह की शुरुआत हो जाएगी. पौष माह में पूर्णिमा का चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में होता है, इस कारण इस महीने को पौष या पूस का महीना कहा जाता है. पौष माह में सूर्य उपासना का अत्यंत विशेष महत्व है. जानें पौष माह का धार्मिक महत्व क्या है.
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22 दिसंबर संकष्टी चतुर्थी
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25 दिसंबर क्रिसमस डे
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26 दिसंबर भानु सप्तमी
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30 दिसंबर सफला एकादशी
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31 दिसंबर शुक्र प्रदोष व्रत
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एक जनवरी मासिक शिवरात्रि
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दो जनवरी पौष अमावस्या
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छह जनवरी विनायक चतुर्थी
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नौ जनवरी गुरु गोविंद सिंह जयंती
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12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जयंती
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13 जनवरी पौष पुत्रदा एकादशी
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वैकुंठ एकादशी
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14 जनवरी मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल, सूर्य का उत्तरायण, खरमास का समापन
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15 जनवरी शनि प्रदोष व्रत
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17 जनवरी पौष पूर्णिमा.
पौष माह का महत्व (Paush Month Significance)
पौष माह में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व माना गया है. इस माह में सूर्य देव की उपासना भग नाम से की जाती है. पौष माह को पितरों को मुक्ति दिलाने वाला महीना भी माना गयाा है. यही कारण है कि इसे छोटा पितृपक्ष भी कहा जाता है. पौष मास में सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और इस दौरान सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं.
पौष के महीने का धार्मिक महत्व बढ़ जाने के कारण इस माह की अमावस्या और पूर्णिमा का महत्व भी कहीं ज्यादा होता है. पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. वहीं इस माह की अमावस्या को पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए शुभ माना गया है.
· खाने पीने में मेवे और स्निग्ध चीज़ों का इस्तेमाल करें .
· चीनी की बजाय गुड़ का सेवन करें .
· अजवाइन, लौंग और अदरक का सेवन लाभकारी होता है .
· इस महीने में ठन्डे पानी का प्रयोग, स्नान में गड़बड़ी और अत्यधिक खाना खतरनाक हो सकता है.
· इस महीने में बहुत ज्यादा तेल घी का प्रयोग भी उत्तम नहीं होगा.