Paytm Crisis: पेटीएम मामले में ईडी ने शुरू की जांच, कंपनी ने कहा- कभी नहीं भेजा विदेश पैसा

Paytm Crisis: आरबीआई के सख्ती के बाद, पेटीएम मामले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के द्वारा की जा रही है. इसे लेकर कंपनी के तरफ से बयान जारी किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2024 9:50 PM
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Paytm Crisis: भारतीय रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद अब पेटीएम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने पेटीएम के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की और कई दस्तावेज जमा किए हैं. केंद्रीय एजेंसी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत फिनटेक कंपनी में आरबीआई द्वारा चिह्नित कथित अनियमितताओं की औपचारिक जांच शुरू करने का निर्णय लेने से पहले दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच कर रही है. इधर, कंपनी के द्वारा बयान जारी करके कहा गया है कि पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (One 97 Communications) के द्वारा हर तरह के जांच में सहयोग किया जा रहा है. पेमेंट्स बैंक ने कभी भी विदेश पैसा भेजने का काम नहीं किया है.

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ईडी ने मांगी ग्राहकों की जानकारी

सूत्रों ने बताया कि पेटीएम के अधिकारियों ने हाल ही में कुछ दस्तावेज जमा किए थे जिसके बाद उनसे कुछ सवाल पूछे गए. कुछ और जानकारी भी मांगी गई है. उन्होंने बताया कि फिलहाल कोई अनियमितता नहीं पाई गई है. फेमा के तहत कोई उल्लंघन पाए जाने पर ही इस कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पेटीएम से जुड़ी जांच पहले ही कुछ समय से जारी है. वन97 कम्युनिकेशंस ने बुधवार को शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया था कि उसे ग्राहकों के बारे में जानकारी देने के लिए प्रवर्तन निदेशालय और अन्य जांच एजेंसियों से नोटिस मिले हैं.

अधिकारियों को दी गयी पूरी जानकारी: पेटीएम

कंपनी पेटीएम ब्रांड और उसकी बैंकिंग इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के अंतर्गत वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है. पेटीएम ने कहा कि कंपनी और उसकी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक अधिकारियों को उनकी आवश्यकता के हिसाब से जानकारी, दस्तावेज उपलब्ध करा रही है. उसकी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पैसा बाहर भेजने का काम नहीं करती है. वित्तीय मंच ने कहा कि वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल), उसकी अनुषंगी कंपनियों और सहयोगी पीपीबीएल को समय-समय पर ग्राहकों के संबंध में ईडी सहित अन्य विभागों से सूचना, दस्तावेज और स्पष्टीकरण के लिए नोटिस और मांगें प्राप्त होती रही हैं. इस बारे में सभी जरूरी जानकारी अधिकारियों को दी जा रही है.

31 जनवरी को आरबीआई ने लगाया रोक

वित्तीय मंच ने कहा कि वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल), उसकी अनुषंगी कंपनियों और सहयोगी पीपीबीएल को समय-समय पर ग्राहकों के संबंध में ईडी सहित अन्य विभागों से सूचना, दस्तावेज और स्पष्टीकरण के लिए नोटिस और मांगें प्राप्त होती रही हैं. इस बारे में सभी जरूरी जानकारी अधिकारियों को दी जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम की इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उत्पाद, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का 31 जनवरी को निर्देश दिया था. वन97 कम्युनिकेशंस के पास पीपीबीएल में 49 प्रतिशत (प्रत्यक्ष और इसकी अनुषंगी कंपनी के माध्यम से) हिस्सेदारी है. कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा की बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

(भाषा इनपुट के साथ)

पेटीएम को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई का सामना क्यों करना पड़ रहा है?

पेटीएम को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई का सामना विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत कथित अनियमितताओं की जांच के कारण करना पड़ रहा है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चिह्नित किया है.

क्या पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने विदेशों में पैसा भेजने का काम किया है?

पेटीएम ने स्पष्ट किया है कि उनकी बैंकिंग इकाई, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL), ने कभी भी विदेश पैसा भेजने का काम नहीं किया है.

पेटीएम की जांच में अब तक क्या सामने आया है?

अब तक की जांच में पेटीएम के खिलाफ कोई अनियमितता नहीं पाई गई है, लेकिन दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच के बाद जांच आगे जारी है.

पेटीएम पर वर्तमान में कौन-कौन सी कानूनी कार्रवाई चल रही है?

पेटीएम पर FEMA के तहत अनियमितताओं की जांच चल रही है, और इससे पहले भी कंपनी के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत जांच हो रही थी.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को क्या निर्देश दिया था?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) को 29 फरवरी 2024 के बाद से किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उत्पाद, वॉलेट या फास्टैग में जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का निर्देश दिया है.

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