PDA सदस्य चुनाव : भाजपा-सपा में बराबर की टक्कर, विधायक हर्षवर्धन के करीबी का गणित बिगड़ा
Prayagraj News: पीडीए में पार्षदों की सदस्यता को लेकर हुए चुनाव में भाजपा और सपा को बराबर सफलता मिली है. चुनाव के परिणाम आने के बाद अब भाजपा और सपा के दो- दो सदस्य पीडीए जायेंगे.
Prayagraj News: प्रयागराज नगर निगम के कार्यकाल के चार साल बीत जाने के बाद आखिरी साल में पीडीए में पार्षदों की सदस्यता को लेकर हुए चुनाव में भाजपा और सपा को बराबर सफलता मिली है. चुनाव के परिणाम आने के बाद अब भाजपा और सपा के दो- दो सदस्य पीडीए जायेंगे.
महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने बताया कि पीडीए में नगर निगम से चार पार्षदों की सदस्यता को लेकर हुए चुनाव में भाजपा के साहिल अरोरा को 21 और दीपक कुशवाहा को 16 मत मिले जबकि सपा के मोहम्मद अजाक को 16 और मंजीत जी को 16 मत मिले. इस तरह नगर निगम से सपा और भाजपा के दो-दो पार्षद पीडीए के सदस्य चुने गए. महापौर ने सभी विजेताओं को बधाई के साथ शुभकामनाएं दी.
शहर उत्तरी से भाजपा विधायक हर्षवर्धन बाजपेई के करीबी पार्षद आनंद अग्रवाल 3 मत से पिछड़ कर पीडीए नहीं पहुंच सके. पार्षद आनंद अग्रवाल को कुल 13 वोट मिले थे. मतदान से पहले आनंद अग्रवाल और शहर उत्तरी के विधायक हर्षवर्धन बाजपेई अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नजर आए थे, लेकिन मतगणना के बाद आए परिणाम ने सभी को चौका दिया
Also Read: Prayagraj News: इंदिरा मैराथन के लिए आवेदन शुरू, प्रथम विजेता को मिलेगा 2 लाख रुपए का पुरस्कार सपा पार्षद ने एन वक्त पर बिगाड़ा आनंद अग्रवाल का गणितशहर उत्तरी से विधायक हर्षवर्धन बाजपेई के समर्थक और करीबी पार्षद आनंद अग्रवाल का सिविल लाइन से सपा पार्षद रमा यादव ने आखिरी में गणित बिगाड़ दिया. पार्षद रमा ने भाजपा के तीन मैनेज मत को समाजवादी पार्टी के समर्थित पार्षद को दिलवा कर परिणाम आने पर सभी को चौंका दिया.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने नहीं डाला अपना मतपीडीए में नगर निगम से पार्षदों की सदस्यता को लेकर हुए चुनाव में कुल 83 सदस्यों ने मतदान किया. कुल 89 मत पड़ने थे. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, एमएलसी मानसिंह और किरन जायसवाल ने अपना मत नहीं डाला.
Also Read: UP Election 2022: सपा का डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर हमला, कहा- भाषा बता रही है, ज़मीं खिसक चुकी है पीडीए में नगर निगम के होते हैं चार सदस्यपीडीए में नगर निगम के चार सदस्यों को शामिल किया जाता है. यह चुनाव हर पांच साल में होता है. नगर निगम के चार वर्षों का कार्यकाल बीत जाने के बाद यह चुनाव बचे हुए एक साल के कार्यकाल के लिए हुआ है. जोड़-तोड़ की राजनीति और हंगामे की आशंका को देखते हुए सुबह से ही नगर निगम में पुलिस फोर्स तैनात रही.
रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी