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जासूसी प्रकरण : अभिषेक बनर्जी का अमित शाह पर निशाना, कहा- 2024 में बेहतर तैयारी के साथ आयें

West Bengal News: अभिषेक बनर्जी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वे वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अच्छी तरह से तैयार होकर वापस आयें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2021 5:42 PM

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर जासूसी (Snoopgate) के आरोपों को लेकर तंज कसा है. कहा है कि अमित शाह जासूसी कराने के बावजूद बंगाल विधानसभा चुनाव (Bengal Vidhan Sabha Chunav) में हार के अपमान से अपना चेहरा नहीं बचा पाये.

अभिषेक बनर्जी (TMC MP Abhishek Banerjee) ने भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वे वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों (2024 Lok Sabha Chunav) के लिए अच्छी तरह से तैयार होकर वापस आयें. अभिषेक ने ट्वीट किया, श्री अमित शाह ईडी, सीबीआई, एनआइए, आइटी, इसीआई, धनबल और पेगासस जैसे भाजपा (BJP News) के सहयोगी दलों के बावजूद बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में अपना चेहरा नहीं बचा सके. कृपया 2024 में बेहतर रणनीति के साथ आयें.

इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस ने इस्राइली स्पाइवेयर पेगासस (Pegasus Spyware) का इस्तेमाल कर पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की कथित रूप से जासूसी कराये जाने को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया.

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तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा कि इससे पता चलता है कि भाजपा अभिषेक के एक राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरने को लेकर भय महसूस कर रही है. श्री रॉय ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है. यह बेहद शर्मनाक है कि केंद्र सरकार राजनेताओं, पत्रकारों और अधिकार कार्यकर्ताओं के फोन टैप कर उनकी जासूसी करने के लिए स्पाइवेयर का उपयोग कर रही है.

पेगासस प्रकरण भाजपा की सत्तावादी मानसकिता- सौगत

श्री रॉय ने कहा कि इससे टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी (TMC Leader Abhishek Banerjee) भी नहीं बच सके. हमारे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kumar) का फोन हैक (Phone Hacking) कर लिया गया. उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला केवल इस सरकार की सत्तावादी मानसिकता को दर्शाता है. केंद्र सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.

गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इस्राइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिये भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किये गये हों.

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Posted By: Mithilesh Jha

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