Jharkhand News, हजारीबाग न्यूज (आरिफ) : झारखंड के हजारीबाग जिले के इचाक, केरेडारी, चुरचू, चौपारण, टाटीझरिया, डाडी, दारू, पदमा, बड़कागांव, बरही एवं विष्णुगढ़ अंचल में दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) समय पर नहीं होने से सैकड़ों आवेदन लंबित हैं. इससे आवेदक काफी परेशान हैं. कई आवेदक अंचल कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. इधर, अंचलाधिकारी कहते हैं कि कागजात के अभाव में मामले लंबित रहते हैं. अंचल कार्यालय में समय से सभी कार्य किये जा रहे हैं.
सभी अंचल से जिला मुख्यालय को 23 अक्टूबर 2021 तक मिली प्रगति रिपोर्ट के अनुसार इचाक अंचल में दाखिल-खारिज के 155 आवेदन लंबित हैं. 2052 आवेदन अस्वीकृत हुए हैं. केरेडारी में 170 लंबित एवं 1713 अस्वीकृत, चुरचू में 131 लंबित एवं 524 अस्वीकृत, चौपारण में 198 लंबित एवं 1770 अस्वीकृत, टाटीझरिया में 199 लंबित एवं 881 अस्वीकृत, डाडी में 56 लंबित एवं 238 अस्वीकृत, दारू में 163 लंबित एवं 1216 अस्वीकृत, पदमा में 214 लंबित एवं 882 अस्वीकृत, बड़कागांव में 556 लंबित एवं 2439 अस्वीकृत, बरही में 525 लंबित एवं 2786 अस्वीकृत एवं विष्णुगढ़ अंचल में 176 आवेदन लंबित हैं, वहीं 1668 आवेदन अस्वीकृत हुए हैं.
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सभी 11 अंचलों में पीएम किसान विकास योजना, प्रमाण पत्र (जाति, आय व आवासीय), माफी, ऑनलाइन लगान की वसूली, रेवेन्यू कोर्ट से संबंधित मामले का निष्पादन, विभिन्न विकास कार्यों के लिए सरकारी भूमि का हस्तांतरण सहित सरकारी भूखंड पर अतिक्रमण कार्य का निष्पादन तेजी से नहीं हुआ है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार रेवेन्यू कोर्ट से संबंधित मामलों का निष्पादन कई अंचलों में लंबित रहने से इसमें जुड़े परिवार परेशान हैं. इचाक में 239, केरेडारी 53, चुरचू 118, चौपारण 21, टाटीझरिया चार, डाडी 74, दारू 33, पदमा 86, बड़कागांव 44, बरही 22, एवं विष्णुगढ़ अंचल में 20 रेवेन्यू कोर्ट से संबंधित मामलों का निष्पादन अब तक नहीं हुआ है. सभी अंचलों में लगान की वसूली धीमी गति से हुई है. कोई भी अंचल कार्यालय 30 प्रतिशत से अधिक लगान की वसूली नहीं कर सका है. इचाक 2.93, केरेडारी 7.04, चुरचू 25.48, चौपारण 11.07, टाटीझरिया 7.83, डाडी 3.06, दारू 21.53, पदमा 12.08, बड़कागांव 14.10, बरही 18.45, एवं विष्णुगढ़ अंचल ने 8.78 प्रतिशत लगान की वसूली की है.
जानकार बता रहे हैं कि अधिकतर अंचलों में जनहित से जुड़े कार्यों का निष्पादन समय पर नहीं हुआ है. अधिकतर अंचल अधिकारी एवं कर्मी निर्धारित समय से पहले ऑफिस से निकल जाते हैं. सवेरे निर्धारित समय पर अंचल कार्यालय भी नहीं पहुंचते हैं. अधिकतर अंचल मुख्यालय में अधिकारी एवं कर्मचारी नहीं रहते हैं. कई अंचल अधिकारियों ने शहरी इलाके में अपना घर अथवा डेरा रखा है. वहीं कई अंचल कर्मचारी भी शहरी क्षेत्र में ही रहते हैं.
इचाक अंचल के डुमरौन निवासी हेमनाथ महतो ने कहा कि दाखिल-खारिज के लिए चार महीने से कार्यालय का दौड़ लगा रहे हैं. मेरे आवेदन पर अब तक कोई विचार नहीं हुआ है. केवाला की छाया प्रति संबंधित कर्मचारी के पास जमा है. कर्मचारी दाखिल-खारिज करने के बजाय कई प्रकार के बहाना बना रहा है. उन्होंने कहा कि एलपीसी, भूमि प्रतिवेदन सहित अन्य कार्यों के लिए बिचौलिया आवेदक से संपर्क करते हैं.
चौपारण बीडीओ सह प्रभारी सीओ प्रेमचंद कुमार सिन्हा ने कहा कि दाखिल खारिज मामले का निबटारा सामान्य बात है. चौपारण अंचल कार्यालय में एक भी मामला लंबित नहीं है, वहीं बरही के अंचलाधिकारी अरविंद देवाशीष टोप्पो ने कहा कि बरही अंचल में समय सीमा के अंदर दाखिल-खारिज हो रहा है. इक्का-दुक्का केस में रैयतों द्वारा समय पर पूरी कागजात प्रस्तुत नहीं होने से कुछ मामले लंबित हैं.
विष्णुगढ़ के अंचलाधिकारी रामबालक कुमार कहते हैं कि दस्तावेज की कमी के कारण कुछ दाखिल-खारिज के मामले लंबित हैं. इसे एक-दो दिनों में पूरा किया जाएगा. सर्वर डाउन रहने एवं रैयतों द्वारा पूरी कागजात उपलब्ध नहीं होने से दाखिल-खारिज मामला का निबटारा करने में विलंब हुआ है. अंचल स्तर से होने वाले बाकी कार्य समय सीमा के अंदर पूरे किये जा रहे हैं, वहीं इचाक के अंचलाधिकारी मनोज महथा कहते हैं कि इचाक अंचल कार्यालय में सभी कार्य समय पर पूरा हो रहा है. एक-दो को छोड़कर दाखिल-खारिज के मामले लंबित नहीं हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra