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बीरभूम में ट्रेन स्टॉपेज की मांग को लेकर भारी संख्या में लोगों ने किया रेल लाइन जाम, कई ट्रेनें रुकी

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि कोरोना काल के बाद उक्त रेलवे स्टेशन पर रुकने वाली चार ट्रेनों के स्टॉपेज को हटा दिया गया था. इसके बाद अभी तक उक्त ट्रेनों का स्टॉपेज यहां पर नहीं दिया गया. जिसके कारण स्थानीय इलाके के लोगों और दैनिक यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बीरभूम, मुकेश तिवारी : बीरभूम जिले के मुरारई रेलवे स्टेशन स्थित रेल लाइन पर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से ही मुरारई नागरिक मंच के बैनर तले स्थानीय ग्रामीणों और दैनिक यात्रियों ने चलने वाली चार ट्रेनों के पुनः स्टॉपेज की मांग समेत 16 सूत्री मांग को लेकर ट्रेन अवरोध कर विक्षोभ जताया. इसके कारण मुरारई रेलवे स्टेशन पर रामपुरहाट साहिबगंज पैसेंजर ट्रेन रुक गया. वहीं, इस अवरोध के कारण नलहाटी रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन भी रुक गई. अवरोध को हटाने के लिए भारी संख्या में आरपीएफ, रेल पुलिस तथा स्थानीय पुलिस मौजूद थी. अवरोध कारियो ने रेलवे स्टेशन के पास से होकर गुजर रही सड़क को भी अवरोध कर दिया. इसके कारण लंबी ट्रैफिक जाम लग गई. अवरोध कारियो में सभी राजनीतिक दल के लोग भी शामिल थे.

क्या है ग्रामीणों का आरोप

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि कोरोना काल के बाद उक्त रेलवे स्टेशन पर रुकने वाली चार ट्रेनों के स्टॉपेज को हटा दिया गया था. इसके बाद अभी तक उक्त ट्रेनों का स्टॉपेज यहां पर नहीं दिया गया. जिसके कारण स्थानीय इलाके के लोगों और दैनिक यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस बाबत कई बार स्थानीय रेल प्रशासन को आवेदन भी किया गया. लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि मजबूरन आज हम लोगों ने रेल लाइन अवरोध किया है. इस बाबत रेलवे अधिकारी तथा आरपीएफ मौके वारदात पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की. जल्द ही इस विषय पर संबंधित विभाग से बात कर स्टॉपेज किए जाने का आश्वाशन दिया है.

अवरोध कारियोंं में शामिल भाजपा नेता आरिन दत्त ने कहा कि यहां राजनीति नहीं कर हम सभी लोग मुरारई नागरिक मंच के बैनर तले चार ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग समेत 16 सूत्री मांग को लेकर यह दूसरी बार अवरोध के लिए बाध्य हुए है. इसके पहले भी हमलोग ने एक जुलाई को उक्त चार ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग करते हुए अवरोध किया था. उस वक्त भी रेल प्रशासन और आरपीएफ ने जल्द ही ट्रेनों के स्टॉपेज शुरू करने का आश्वाशन दिया था. लेकिन एक माह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी अभी तक रेल प्रशासन ने कोरोना के समय बंद किए गए उक्त चार ट्रेनों के स्टॉपेज को पुनः लागू नहीं किया. इसके चलते स्थानीय कई दर्जन गांव के लाखों लाख लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बताया जाता है कि आंदोलनकारियों ने स्टेशन मास्टर, मैनेजर और कंट्रोल रूम के अधिकारियों के खिलाफ भी आक्रोश जताया. बाद में परिस्थिति को देखते हुए रेलवे के उच्च अधिकारियों ने आंदोलन कारियो से बातचीत कर अवरोध हटवाया. बताया जाता है की है मुरारई नागरिक मंच ने कुल 16 मांगें की हैं. इसमें 4 जोड़ी रद्द हुई ट्रेनों को फिर से शुरू किया जाना, अप और डाउन मेमू ट्रेनों को हर घंटे शुरू किया जाना, जमालपुर, सुपर, तेभागा, कुलिक, कंचनकन्या, उत्तरबंग, गया एक्सप्रेस और योगबनी एक्सप्रेस का स्टॉपेज दिया जाना शामिल है. ट्रेन अप और डाउन में प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकेगी.डाउन ट्रेनों को हर घंटे चलाया जाए, ट्रेनों को टाइम टेबल के अनुसार चलाया जाए, विश्व भारती फास्ट पैसेंजर ट्रेन को पाकुड़ स्टेशन तक चलाया जाए, लोगों से ट्रेन में एक्सप्रेस जैसा किराया न लिया जाए.

मुरारई स्टेशन के प्लेटफार्म पर कोच पोजीशन बोर्ड लगाने के साथ-साथ स्टेशन परिसर में पेयजल की सुविधा भी दी जानी है. विरोध प्रदर्शन में स्थानीय तृणमूल नेत्री फाल्गुनी सिंह भी शामिल हुईं. उनके नेतृत्व में पैनल रूम में घुसकर विरोध प्रदर्शन किया गया. स्टेशन मास्टर को कमरे से बाहर निकाल दिया गया. वहां ताला लगा दिया गया. इस बीच मुरारई स्टेशन पर अवरोध के कारण कई ट्रेनें एक के बाद एक स्टेशनों पर रुक गईं. कहीं लोकल ट्रेन रुकी रही तो कहीं मालगाड़ी रुकी रही वंदे भारत एक्सप्रेस करीब ढाई घंटे से नलहाटी स्टेशन पर खड़ी है. इससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई.

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