Jharkhand News: गिरिडीह जिला अंतर्गत धनवार-रेंबा मुख्य मार्ग पर स्थित 38 वर्ष पुराना राजा नदी की स्थिति कई वर्षों से खराब है. इधर, 30 सितंबर 2021 की रात भारी बारिश के कारण आयी बाढ़ के दौरान पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. धनवार प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र की पांडेयडीह, अंबाटांड़ व बांधी पंचायत तथा जमुआ प्रखंड के रेंबा, भंडारो, हीरोडीह आदि पंचायत के दर्जनों गांव के हजारों लोगों का धनवार से रेंबा व जमुआ तक का आवागमन इसी मार्ग से करते हैं. धनवार का कस्तूरबा विद्यालय व बीआरसी भी नदी के उस पार खरियो व पांडेयडीह में स्थित है. क्षतिग्रस्त पुल से होकर लोग जान जोखिम में डाल कर आवागमन कर रहे हैं. छोटे-बड़े वाहनों का परिचालन भी होता है. अगर बारिश होती तो पुल की स्थिति और खराब हो जाती.
पुल निर्माण की पहल नहीं होने से लोग नाराज
लगभग एक वर्ष बाद भी इस पुल के निर्माण की पहल नहीं होने से लोगों में काफी नाराजगी है. पुल क्षतिग्रस्त होने पर विभाग ने बोर्ड लगाया था. बैरिकेडिंग भी की थी. धीरे-धीरे बैरिकेडिंग गायब हो गयी और लोगों ने मजबूरी में जान जोखिम में डालकर आवाजाही शुरू कर दी.
वर्ष 1983-84 में हुआ था निर्माण
मालूम हो कि वर्ष 1983-84 में तत्कालीन विधायक हरिहर नारायण प्रभाकर की अनुशंसा से ग्रामीण विकास के तहत आईओ से इस पुल का निर्माण हुआ था. इसके निर्माण पर उस समय छह-सात लाख रुपये खर्च किये गये थे. पुल निर्माण के बाद विभाग ने कभी सुध नहीं ली. एक बार भी इसकी मरम्मत नहीं हुई. आठ-नौ वर्ष पूर्व फेलिन तूफान के दौरान जब धनवार का इरगा पुल ध्वस्त हो गया था, तब इस पुल में भी दरार पड़ गयी थी. तत्कालीन उपायुक्त डीपी लकड़ा जब इरगा पुल देखने आये तो तत्कालीन विधायक निजामुद्दीन अंसारी ने उन्हें इस पुल को भी दिखाया था. पुल देख पूर्व डीसी ने इसकी मरम्मत का भरोसा भी दिया था, लेकिन कोई पहल नहीं हुई. मरम्मत के अभाव में पिछले वर्ष बरसात में यह पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.
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माले नेता का आंदोलन की घोषणा की
राजा नदी पुल निर्माण की मांग को लेकर माले नेता विनय संथालिया ने कहा है कि पुल क्षतिग्रस्त होने के लगभग एक साल बाद भी मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ. प्रशासन और संबंधित विभाग पूर्व पंचखेरो डैम जैसी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है. इस पुल से हजारों लोग हर दिन धनवार से रेंबा और जमुआ आते-जाते हैं. स्कूल समेत अन्य वाहन भी पुल से गुजरते हैं. कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. विभाग के साथ सांसद-विधायक भी पुल निर्माण की पहल नहीं कर रहे हैं. बारिश होने से पुल बह जाता.
ग्रामीणों ने सुनायी परेशानी
दरियाडीह के प्रमोद चौधरी ने कहा कि राजा नदी का यह पुल धनवार के लिए काफी महत्वपूर्ण है. यह न सिर्फ प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र को धनवार से जोड़ता है, बल्कि इससे होकर धनवार-जमुआ की दूरी भी काफी कम हो जाती है. पुल क्षतिग्रस्त हो गया है और इसका निर्माण जरूरी है. वहीं, जिप सदस्य मंजू देवी ने कहा कि चार दशक पुराना राजा नदी का क्षतिग्रस्त पुल ध्वस्त होने की कगार पर है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. पुल टूटा तो प्रखंड के दर्जनों गांव के हजारों लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट जायेगा. जिला परिषद की बैठक में इस समस्या को प्रमुखता से उठाया जायेगा.
पुल निर्माण की उठी मांग
मंझलाडीह के विरंचि सिंह ने कहा कि इस पुल की मरम्मति या निर्माण कई वर्ष पूर्व होनी चाहिए थी, लेकिन लगता है कि प्रशासन या विभाग की नींद किसी दुर्घटना के बाद ही खुलेगी. पुल टूटा तो बीआरसी और कस्तूरबा विद्यालय का संपर्क भी धनवार से टूट जाएगा. तत्काल पुल निर्माण पर ध्यान देने की जरूरत है. वहीं, राजधनवार के सुनील सिंह ने कहा कि न सिर्फ पुल, बल्कि धनवार से रेंबा तक आठ किमी सड़क भी क्षतिग्रस्त है. आवागमन के दृष्टि से इस क्षेत्र के लिए पुल काफी महत्वपूर्ण है. जमुआ-धनवार के लिए महत्वपूर्ण पुल और सड़क की अनदेखी समझ से परे है. विभाग और जनप्रतिनिधि इस पर अविलंब ध्यान दें. दूसरी ओर, इस संबंध में REO, जमुआ के जूनियर इंजीनियर अर्जुन पासवान ने कहा कि राजा नदी पुल निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है. टेंडर की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा.
रिपोर्ट : रामकृष्ण, राजधनवार, गिरिडीह.