हावड़ा (जे कुंदन) : पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 के तीन चरणों का मतदान खत्म हो गया है. दक्षिण हावड़ा विधानसभा सीट पर 10 अप्रैल को मतदान होगा. इस सीट से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा जनता दल (यूनाइटेड) भी चुनाव लड़ रहा है. जदयू के प्रत्याशी अमित कुमार घोष (श्रीकांत) हैं.
जदयू उम्मीदवार अमित कुमार घोष उर्फ श्रीकांत ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पूरे बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला माना जा रहा है, लेकिन जदयू प्रत्याशी श्री घोष का मानना है कि दक्षिण हावड़ा में समीकरण अलग है. यहां उनका मुकाबला सिर्फ तृणमूल के उम्मीदवार से है. उन्हें अपनी जीत का विश्वास भी है.
श्री घोष कहते हैं कि दक्षिण हावड़ा की जनता अब विकास चाहती है. इसलिए किसी बाहरी उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे. जदयू प्रत्याशी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के उम्मीदवार हावड़ा में नहीं रहते. उनका हावड़ा से कोई नाता नहीं है. कोलकाता के रहने वाले हैं. चुनाव जीतकर ये फिर कोलकाता चले जायेंगे और दक्षिण हावड़ा के लोगों का कोई लाभ नहीं मिलेगा.
उन्होंने कहा कि मैं स्थानीय हूं और बचपन से इसी माटी में पला-बढ़ा हूं. यहां की जनता मुझे वर्षों से जानती है और निश्चित तौर पर इसका लाभ मुझे मिलेगा. यहां की जनता मुझे विजयी बनाकर विधानसभा भेजेगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में दक्षिण हावड़ा की जनता ने यहां जोड़ा फूल खिलाया था. 10 वर्षों तक इस सीट पर तृणमूल के विधायक रहे, लेकिन इलाके में कोई विकास कार्य नहीं हुआ.
उन्होंने तृणमूल विधायक पर लोगों के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया. श्री घोष ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों से निगम में बोर्ड नहीं होने के कारण लोगों को अपने काम के लिए विधायक के पास जाना पड़ता था, लेकिन वह लोगों से मिलते नहीं थे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य भाजपा नेताओं को बाहरी बताने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर उन्होंने कहा कि वह (ममता) देश को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं. हम सभी भारतीय हैं और कोई हमें कहीं रहने व जाने से रोक नहीं सकता है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा बाहरी शब्द का प्रयोग करती हैं. यह बिल्कुल गलत है. उन्हें नहीं मालूम कि हिंदीभाषी राज्यों में काफी संख्या में बंगाली रहते हैं. अगर यही स्थिति दूसरे राज्यों में रहने वाले बंगालियों के साथ हो, तो मुख्यमंत्री को कैसा लगेगा.
जदयू प्रत्याशी ने कहा कि अल्पसंख्यक मतदाताओं का हमेशा इस्तेमाल किया गया है. चुनाव के दौरान अल्पसंख्यक मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की जाती है. चुनाव जीतने के बाद इन्हें कुछ नहीं मिलता. श्री घोष ने कहा कि वर्ष 1947 में मुसलमानों का ग्रोथ रेट एक फीसदी था और आज भी ग्रोथ रोट इतना ही है.
उन्होंने कहा कि दक्षिण हावड़ा विधानसभा क्षेत्र में 35 फीसदी अल्पसंख्यक हैं. अभी तक यहां उनके लिए कोई काम नहीं हुआ. लड़कियों के लिए स्कूल नहीं है. एक सरकारी अस्पताल जरूर है, लेकिन वहां सुविधाओं का घोर अभाव है. बस्ती इलाकों में पेयजल की किल्लत है. काफी परेशानी में लोग रहते हैं.
श्री घोष ने कहा कि विधायक चुने जाने के बाद वह इन समस्याों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करेंगे. साथ ही लॉकडाउन में हजारों की संख्या में प्रवासी श्रमिक यहां पहुंचे हैं. अभी भी वे बेकार हैं. उन्हें रोजगार मिले, इसके लिए वह पूरी कोशिश करेंगे.
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Posted By : Mithilesh Jha