Jharkhand News: झारखंड के धनबाद जिले के चिरकुंडा थाना एवं पंचेत ओपी की सीमा पर स्थित डुमरीजोड़ में गुरुवार की सुबह करीब 8:30 बजे अवैध कोयला खनन के लिए किये गये विस्फोट से कल गुरुवार को चांच-बाबूडंगाल ग्रामीण सड़क धंस गयी थी. इसमें 50 से भी अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका थी, लेकिन ये सभी सुरक्षित निकल गये हैं. नौ घंटे बाद बिजली की आपूर्ति दोबारा शुरू कर दी गयी है. मौके पर स्थानीय विधायक अपर्णासेन गुप्ता पहुंची हैं और जानकारी ले रही हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश भी आज शुक्रवार को मौके पर पहुंचेंगे.
वैकल्पिक रास्ते से आवागमन
आपको बता दें कि अवैध कोयला खदान के अंदर फंसे सभी लोग पश्चिम बंगाल के रघुनाथपुर और कुल्टी क्षेत्र के निवासी बताये जा रहे हैं. घटना के बाद एक दर्जन गांवों का आवागमन बाधित हो गया था. फिलहाल वैकल्पिक रास्ते से लोग आवागमन कर रहे हैं. बताया जाता है कि 1974-75 से पूर्व यहां पर बंगाल कोल कंपनी कोयला उत्पादन करती थी. उत्पादन करने के बाद कंपनी ने उस क्षेत्र को भरवा दिया था. कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद भी बीसीसीएल ने इसे नहीं खुलवाया.
दर्जनभर गांवों की बिजली थी गुल
भू-धंसान में कई बिजली के पोल भी क्षतिग्रस्त हो गये थे. इससे पंचेत क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में करीब नौ घंटे बिजली आपूर्ति बाधित रही. इसके बाद बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गयी है. इसकी सूचना मिलते ही धनबाद एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी, निरसा एसडीपीओ पीतांबर सिंह खरवार, बीसीसीएल सीवी एरिया के जीएम अपूर्व कुमार दत्ता समेत अन्य घटनास्थल पर पहुंच गये थे. शाम करीब 4.30 बजे बीसीसीएल के धनबाद एवं दहीबाड़ी से कुल 11 सदस्यीय रेस्क्यू टीम सुपरिंटेंडेंट पीआर मुखोपाध्याय के नेतृत्व में मौके पर पहुंची थी. एक अवैध मुहाने से रेस्क्यू टीम अंदर गयी थी. आधा घंटा में ही टीम बाहर आयी और बताया कि अंदर कुछ नहीं है. जहां घटना हुई, वहां आसपास एक दर्जन से अधिक अवैध मुहाने हैं, जिससे खनन के लिए लोग अंदर जाते हैं.
रिपोर्ट: अरिंदम चक्रवर्ती/सुरजीत