कोलकाता: पश्चिम बंगाल में को कुछ धार्मिक स्थल खोले गए लेकिन बहुत कम संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए आए. ममता बनर्जी सरकार ने धार्मिक स्थलों में कम लोगों को ही इकट्ठा होने की मंजूरी दी है. अनेक मंदिर और मस्जिदों ने श्रद्धालुओं के लिए इन स्थानों को खोलने के लिए अभी और समय मांगा. उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षा के बंदोबस्त करने के लिए और समय मांगा है. शहर के उत्तर में स्थित सबसे पुराने मंदिर थनथानिया कालीबाड़ी के प्रवक्ता ने बताया कि प्रवेश के लिए एक बार में 10 से ज्यादा लोगों को लाइन में लगने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने कहा,‘‘ पुजारियों को प्रसाद सौंपने से पहले सभी भक्तों को हाथ धोने और मास्क लगाने के लिए कहा गया.
फूलों और अगरबत्ती बेचने वाली दुकानों को कहा गया था कि वे इन्हें बेचने से पहले टोकरी में कीटाणुनाशक डालें.” प्रवक्ता ने कहा,‘‘ फिलहाल लोगों को दूर से पूजा करनी होगी. गर्भगृह के पास जाने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी.” मायापुर स्थित इस्कॉन के मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता है और थर्मल जांच उपकरण खरीदने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘हम चंद्रोदय मंदिर खोलने की योजना बना रहे हैं और जांच उपकरण खरीदने की प्रक्रिया में हैं. हालांकि अभी मंदिर को फिर से खोलने की तारीख तय नहीं है.
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एजेंसी भाषा के मुताबिक बेहाला गुरुद्वारा के एक समिति सदस्य सतनाम सिंह अहलूवालिया ने बताया कि गुरुद्वारा खुलने के कुछ समय बाद ही 100 से अधिक लोग वहां जमा हो गए थे. उन्होंने बताया,‘‘ सभी श्रद्धालुओं की थर्मल जांच की गई. हमारे स्वयंसेवकों ने यह सुनिश्चित किया कि लोग एक दूसरे से दूरी बनाए रखें और एक बार में केवल कुछ ही लोगों को अंदर जाने दिया गया.” दिन में कुछ श्रद्धालुओं को शहर के गिरजाघरों में जाते देखा गया. बंगाल इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद याहिया ने कहा कि कोई मस्जिद खोले जाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है.