कोलकाता: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस का राज्यव्यापी प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा. दो दिवसीय राज्यव्यापी प्रदर्शन की शुरुआत शनिवार को हुई थी. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा है कि कोरोना संकट के मद्देनजर प्रदर्शन स्वास्थ्य संबंधी दिये गये निर्देशों का पालन करते हुए ही किया गया.
तृणमूल कांग्रेस के नेता का कहना है कि कोविड-19 महामारी के बीच ईंधन की बढ़ती कीमतें आम लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही हैं. पश्चिम बंगाल में पेट्रोल 101 रुपये प्रति लीटर से अधिक और डीजल 92 रुपये प्रति लीटर से अधिक के मूल्य पर बिक रहा है, जबकि घरेलू रसोई गैस का दाम 861 रुपये प्रति सिलिंडर पर पहुंच गया है.
कोलकाता महानगर के पाइकपाड़ा, चेतला और बेहला सहित कोलकाता में महत्वपूर्ण चौराहों पर लगातार दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा. इधर, राज्य के अन्य हिस्सों बेलघरिया, बोलपुर, कटवा, रानीगंज और सिलीगुड़ी के अलावा दूसरे जगहों में भी प्रदर्शन हुए.
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उत्तर कोलकाता के पाइकपाड़ा में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले तृणमूल कांग्रेस के विधायक अतिन घोष ने कहा कि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में लगातार वृद्धि ने आम लोगों पर बोझ डाला है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार को लोगों की परवाह नहीं है. उन्हें केवल राजस्व और बड़ी तेल कंपनियों के हितों की चिंता है.
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उत्तर 24 परगना जिला के बागुईहाटी में प्रदर्शन स्थल पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने लकड़ी जलाकर चूल्हे पर खाना बनाया और उपस्थित लोगों को भोजन परोसा. तृणमूल विधायक अदिति मुंशी ने कहा कि यह सांकेतिक विरोध है. ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी लोगों को पीछे धकेल रही है और लोग ऐसे चूल्हे और बैलगाड़ियों के युग में वापस जा रहे हैं.
Posted By: Mithilesh Jha