धनबाद के लोगों में पेट्रोल सब्सिडी योजना के प्रति आकर्षण कम, जानें क्या है इसकी बड़ी वजह
धनबाद जिले के लोगों में पेट्रोल सब्सिडी योजना के प्रति आकर्षण कम दिखाई पड़ रहा है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 123 दिन में 13,577 लोगों ने ही दिया आवेदन है. जानकारी के मुताबिक लाल, पीला कार्ड रद्द होने की डर से आवेदन नहीं कर रहे हैं
धनबाद: धनबाद जिला में पेट्रोल सब्सिडी योजना के प्रति लाभुकों में आकर्षण नहीं दिख रहा है. पांच लाख दो हजार राशनकार्डधारियों में से 28 मई तक केवल 13,577 लोगों ने ही आवेदन किया है. इसमें से 11,281 लाभुकों को ही इस योजना का लाभ मिल रहा है.
3071 आवेदनों की हो रही जांच :
अधिकृत सूत्रों के अनुसार 28 मई तक धनबाद जिला में 5.02 राशनकार्डधारियों में से पांच फीसदी ने भी पेट्रोल सब्सिडी के लिए आवेदन नहीं किया. एक कार्डधारी को माह में 10 लीटर तक पेट्रोल पर ढाई सौ रुपये देने का प्रावधान है. यह राशि सीधे लाभुकों के खाते में जा रही है.
लेकिन, यहां तमाम प्रयास के बाद भी लाभुकों की संख्या नहीं 11,294 लाभुकों के खाता में सब्सिडी राशि ट्रांसफर की जा चुकी है. हर राशनकार्डधारी को पेट्रोल सब्सिडी योजना के तहत ढाई सौ रुपये का मासिक अनुदान मिल रहा है. 26 जनवरी से शुरू इस योजना के तहत कोई भी राशनकार्डधारी जिनके पास झारखंड में निबंधित दुपहिया वाहन है, को 10 लीटर पेट्रोल की एवज में ढाई सौ रुपया मासिक मिलना है. हालांकि, इसके लिए पेट्रोल के बिल देने की जरूरत नहीं है.
समझाने के बाद भी लोग नहीं हो रहे तैयार
सूत्रों के अनुसार लाल, पीला कार्ड रद्द होने के डर से बहुत सारे कार्डधारी डर से आवेदन नहीं दे रहे हैं. जबकि सरकार की तरफ से बार-बार स्पष्ट किया जा रहा है कि पेट्रोल सब्सिडी योजना का लाभ लेने वाले लाभुकों का राशन कार्ड निरस्त नहीं होगा. जिला आपूर्ति पदाधिकारी भोगेंद्र ठाकुर के अनुसार धनबाद जिला में 5.02 लाख राशनकार्डधारी हैं. इसमें से 4.34 लाख लाल, पीला कार्डधारी तथा 68 हजार हरा राशनकार्डधारी हैं.
क्या-क्या है जरूरत
इस योजना का लाभ के लिए राशन कार्ड में परिवार के सभी सदस्यों का वेरीफाइड आधार नंबर अंकित होना चाहिए. आवेदक के आधार से लिंक बैंक खाता संख्या एवं मोबाइल नंबर भी रजिस्टर्ड होना चाहिए. आवेदक का वाहन उसके नाम से झारखंड में निबंधित होना चाहिए. योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को अपना राशन कार्ड एवं आधार संख्या भरना होगा.
जिसके बाद उसके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आयेगा. ओटीपी वेरीफिकेशन के बाद आवेदक राशन कार्ड में अपना नाम सिलेक्ट करते हुए वाहन संख्या तथा ड्राइविंग लाइसेंस नंबर को भरेंगे. वाहन संख्या जिला परिवहन पदाधिकारी के लॉगइन में जायेगा. जिसे जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा वेरीफाई किया जाएगा. वेरीफाई होने के बाद सूची जिला आपूर्ति पदाधिकारी को भेजी जायेगी.
Posted By: Sameer Oraon