कोलकाता (जे कुंदन): पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टरों ने मालदा के एक प्रमोटर की जान बचा ली. करीब चार घंटे तक चले इस ऑपरेशन में डॉक्टरों ने जोखिम लेते हुए मूत्राशय और मलाशय के बीच फंसी गोली को सफलतापूर्वक निकाल दिया.
डॉक्टरों के मुताबिक, मरीज का वजन 140 किलो होने के कारण ऑपरेशन बहुत जटिल था. ओपन सर्जरी करने से मरीज की जान जा सकती थी. इसलिए डॉक्टरों ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने का फैसला किया. सी-आर्म मशीन से एक्स-रे कर गोली को पहले लोकेट किया गया.
किडनी व लीवर को छूते हुए गोली मूत्राशय और मलाशय के बीच फंस गयी थी. इसे निकालने के लिए जनरल सर्जरी विभाग के तीन डॉक्टरों की टीम बनी. डॉ सिराज अहमद, डॉ शमिता चट्टोपाध्याय व डॉ प्रीतिन बेड़ा ने ऑपरेशन का जिम्मा संभाला और चार घंटे के प्रयास के बाद गोली निकालने में सफल रहे.
Also Read: दुर्गापुर से कोलकाता के बीच बनाया ग्रीन कॉरिडोर, एसएसकेएम में जरूरतमंदों में होगा अंगों का प्रत्यारोपण, डॉक्टरों की बनी कमेटीइस बारे में पूछे जाने पर डॉ अहमद ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में ओपन सर्जरी की जाती है, लेकिन मरीज का वजन बहुत अधिक था. इसलिए ओपन सर्जरी करना घातक साबित हो सकता था. इसलिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कर गोली को निकाला गया. डॉक्टरों ने कहा है कि मरीज की हालत अब खतरे से बाहर है.
उल्लेखनीय है कि मालदा के इंग्लिश बाजार इलाके में प्रमोटिंग विवाद को लेकर नेपाल चौधरी को प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मार दी गयी थी. मोटापा के कारण उनके पेट में चर्बी बहुत था. इसलिए गोली शरीर के अंदर फंस गयी. उन्हें मालदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां से एसएसकेएम रेफर कर दिया गया.
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