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Phalguna Purnima 2023: फाल्गुन पूर्णिमा कब है ? जानिए तिथि, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और उपाय

Phalguna Purnima 2023: यह दिन हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस साल 6 मार्च को दोपहर 4 बजकर 17 मिनट पर पूर्णिमा की शुरुआत होगी और 7 मार्च को 6 बजकर 9 मिनट पर पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी.

By Bimla Kumari | February 27, 2023 12:25 PM

Phalguna Purnima 2023: फागुन पूर्णिमा हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है, धार्मिक और सामाजिक रूप से यह पूर्णिमा बहुत लोकप्रिय है. यदि हम हिंदू कैलेंडर के बारे में बात करें, तो यह वर्ष का अंतिम महीना होता है. फाल्गुन पूर्णिमा 2023 के दिन लोग कई महत्वपूर्ण कार्य करते है. यह दिन हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस साल 6 मार्च को दोपहर 4 बजकर 17 मिनट पर पूर्णिमा की शुरुआत होगी और 7 मार्च को 6 बजकर 9 मिनट पर पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी.

फाल्गुन पूर्णिमा के दिन पूजा

फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा की जाती है और इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक जातक व्रत भी रखते हैं. फाल्गुन पूर्णिमा के मन को शांत रखें और शुद्ध भोजन करना चाहिए. इस दिन मन में बुरे विचान नहीं लाना चाहिए.

फाल्गुन पूर्णिमा की पूजा की विधि

  • पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान करके साफ कपड़े धारण करें. फिर भगवान विष्णु के नरसिंह स्वरूप की पूजा करें और व्रत का संकल्प लें. ध्यान रहें उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके यह पूजा करनी चहिए.

  • होलिका दहन के समय तक उपवास रखें और केवल फल खाएं. इसके बाद आप जब होलिका दहन के लिए जाएं तब पहले ही अपने बदन में उबटन जरूर लगाएं और साफ जल से स्‍नान कर लें.

  • घर पर होलिका निर्माण करें, इसके लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल जरूरी है. फिल होलिका की पूजा करें और होलिका दहन की तैयारी करें.

  • होलिका दहन के थाली सजाएं , उसमें माला, रोली, पुष्प, सुगंध, कच्चा सूत, गुड़, हल्दी, मूंग दाल, नारियल और गुलाल रखें. आप इसके साथ ही थाल में 5 से 7 तरह का अनाज भी रखें.

  • होलिका दहन के बाद 5 या 7 बार अग्नि की परिक्रमा जरूर करें. परिक्रमा लगाने के बाद बड़ों के चरण स्पर्श करें और चेहरे पर गुलाल चेहरे पर लगाकर सभी से गले मिलें.

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फाल्गुन पूर्णिमा के दिन क्या करें और क्‍या न करें

  • आर्थिक परेशानी से जूझ रहें हैं तो आपको फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्‍मी की पूजा करनी चाहिए.

  • इस दिन अगर आप श्री सूक्त का पाठ, कनकधारा स्त्रोत और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करते हैं तो आपका मनचाहा कार्य होगा.

  • यदि कुंडली में चंद्र दोष है तो फाल्गुन की पूर्णिमा की रात में चंद्र देव को दूध अर्पित करें और ‘ॐ सों सोमाय नमः’ मंत्र का जाप करें. मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला के साथ करें.

  • फाल्गुन पूर्णिमा की रात में पति-पत्‍नी को मिलकर चंद्रमा के दर्शन करने चाहिए और उन्हें शहद अर्पित करें, ऐसा करने से दांपत्य जीवन मधुरता आती आती है.

  • पितरों को खुश करने के लिए फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन पिंडदान कर सकते हैं.

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