धनबाद : कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) में जोड़ापोखर के सुदामडीह की रहनेवाली 27 वर्षीया छात्रा प्रियंका जायसवाल उर्फ लोरी ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली. कानपुर पुलिस ने बताया कि छात्रा की पहचान केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रही छात्रा प्रियंका के रूप में हुई है. उसने अपने छात्रावास के कमरे में पंखे से फांसी लगा ली. प्रियंका बीसीसीएल की सुदामडीह एएसपी कोलियरी के आरआर रेस्क्यू स्टेशन के प्रबंधक नरेंद्र कुमार जायसवाल की बड़ी पुत्री थी. बेटी की मौत की सूचना मिलने पर नरेंद्र अपनी पत्नी ज्योत्सना जायसवाल के साथ कानपुर के लिए शाम में रवाना हो गये. प्रियंका जायसवाल ने बीते 29 दिसंबर को संस्थान में प्रवेश लिया था. पिछले एक माह में आइआइटी कानपुर परिसर में यह आत्महत्या का तीसरा मामला है.
प्रियंका जायसवाल के पिता नरेंद्र ने बताया कि उनकी पुत्री ने सिंदरी के बिरसा प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआइटी) से केमिकल ब्रांच में बीटेक किया था. यहां से निकलने के बाद डिगवाडीह सीएफआरआइ से ट्रेनिंग पूरी की. उसने डिगवाडीह कार्मल स्कूल से 10वीं पास की थी. उसकी छोटी बहन दिल्ली में पढ़ाई कर रही है. दिसंबर महीने में आइआइटी कानपुर में प्रियंका का नामांकन हुआ था.
अंदर से बंद था छात्रा के कमरे का दरवाजा : अपर पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) आकाश पटेल ने कहा कि उन्हें दोपहर करीब एक बजे पीएचडी छात्रा के आत्महत्या कर लेने की सूचना मिली. जब पुलिस मौके पर पहुंची, तब छात्रा के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद पाया और दरवाजा तोड़ने पर वह पंखे से लटकी हुई मिली. पटेल ने कहा कि जायसवाल की मौत के संभावित कारण प्राथमिक जांच एवं अन्य औपचारिकताएं पूरी होने के बाद ही सामने आयेंगे. इधर, आइआइटी कानपुर प्रशासन ने एक बयान में कहा कि गहरे दुख के साथ संस्थान पीएचडी छात्रा प्रियंका जायसवाल के असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर शोक व्यक्त करता है. वह अपने छात्रावास के कमरे में दोपहर में मृत पायी गयी.
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