22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Phone Bhoot Movie Review: हॉरर कॉमेडी वाली यह फिल्म डराने में नहीं हंसाने में जरूर रही है कामयाब

कैटरीना कैफ, ईशान खट्टर, सिद्धांत चतुर्वेदी स्टारर फिल्म फोन भूत आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म को ऑडियंस का ढेर सारा प्यार मिल रहा है. यह फिल्म आपको शुरुआत से आखिर तक बोर नहीं करती है.

फ़िल्म- फोन भूत

निर्माता- एक्सेल एंटरटेनमेंट

निर्देशक- गुरमीत सिंह

कलाकार- कैटरीना कैफ, ईशान खट्टर, सिद्धांत, जैकी श्रॉफ, शीबा चड्ढा और अन्य

प्लेटफार्म- सिनेमाघर

रेटिंग- ढाई

हॉरर कॉमेडी जॉनर बीते कुछ सालों में हिंदी सिनेमा का पसंदीदा जॉनर बन गया है. गोलमाल अगेन, स्त्री से लेकर इस साल की सबसे सफल फिल्म भूल भुलैया 2 भी हॉरर कॉमेडी जॉनर की थी. इसी की अगली कड़ी फोन भूत है. फिल्म को हॉरर कॉमेडी कहा जा रहा है, लेकिन फिल्म में हॉरर जैसा कुछ महसूस नहीं होता है, हां यह फिल्म हंसाने में जरूर कामयाब हुई है. यही इस फिल्म की खास बात है. जिससे औसत कहानी वाली यह फिल्म आपको शुरुआत से आखिर तक बोर नहीं करती है बल्कि आपको हंसाती रहती है.

बदले की है कहानी

फिल्म की कहानी दो दोस्तों गुल्लू (ईशान) और मेजर (सिद्धांत) की है. जिन्हें भूतों और चुड़ैलों की दुनिया बहुत ही लुभाती है. वह उसी में अपना कैरियर तलाशना चाहते हैं. एक पार्टी में उनके साथ एक ऐसी घटना घटती है. जिसके बाद उन्हें मरे हुए लोग दिखने लगते हैं और उनकी जिन्दगी में रागिनी (कैटरीना कैफ) की एंट्री होती है, जो एक भूत है. रागिनी के आईडिया पर वह तीनों मिलकर हेल्पलाइन की शुरुआत करते हैं. जहां वे भूत से परेशान लोगों की मदद करते हैं. गुल्लू और मेजर इससे पैसे भी कमाते हैं, लेकिन रागिनी का इन सब में क्या फायदा है. सबकुछ पूरे हंसी-मजाक के साथ चल रहा होता है कि अचानक रागिनी के फ्लैश बैक वाली कहानी शुरू हो जाती है. रागिनी आखिर क्यों गुल्लू और मेजर के साथ काम कर रही है. उसकी मौत कैसे हुई है. आत्माराम कौन है. रागिनी की मौत उससे कैसे जुड़ी है. क्या गुल्लू और मेजर, रागिनी की मदद कर पाएंगे. यह सब सवालों के जवाब फिल्म आगे देती है.

यह पहलू है खास

फिल्म की कहानी औसत सी है, लेकिन अच्छी बात है कि इसे बेवजह खींचा नहीं गया है. सीधे मुद्दे पर आ जाती है. फिल्म अपने शुरुआत से हंसाने में कामयाब रहती है और मेकर्स ने आखिर तक इस बात का बखूबी ध्यान दिया है. हॉलीवुड फिल्म से प्रेरित कहानी वाली इस फिल्म में अपने देश की अलग-अलग भाषाओं और जातियों के रंग का इस्तेमाल मजेदार ढंग से हुआ है. फिल्म युवाओं को ध्यान में रखकर बनायी गयी है. जिस वजह से फिल्म में जमकर वाट्सऐप, जोक्स ,मीम्स का इस्तेमाल हुआ है. फिल्म के संवाद मजेदार है. जहां-जहां वॉइस ओवर आता है. वहां मामला खूब जमा है, खासतौर पर इंटरवल वाला.

यहां नहीं जमी है बात

फिल्म की कमजोर पटकथा से भी ज्यादा कमजोर फिल्म का वीएफएक्स रह गया है. उसपर काम करने की जरुरत थी. यह फिल्म के प्रभाव को कम कर गए हैं. फिल्म के कुछ दृश्य पुरानी फिल्मों के रिपीट से लगते हैं. तनिष्क बागची का म्यूजिक असरदार नहीं है. वह फिल्म की गति में रुकावट भी डालते हुए महसूस होते हैं.

जैकी श्रॉफ बाजी मार ले गए हैं

अभिनय की बात करें तो कैटरीना कैफ फिल्म में ग्लैमरस लगी हैं, लेकिन अभी हिंदी संवाद अदायगी में उनकी पकड़ कमजोर ही है, जिससे उनकी एक्टिंग भी प्रभावित हुई है. ईशान और सिद्धान्त अपनी-अपनी भूमिकाओं में जमे हैं, कई बार बात ओवर एक्टिंग तक भी पहुंच गयी है. शीबा चड्ढा का मासूमियत से भरा अभिनय यादगार है. हां जैकी श्रॉफ इस फिल्म की जान है. उनका लुक से लेकर संवाद अदाएगी सबकुछ खास है. उनका टपोरी अंदाज में बोला गया संवाद मजेदार हैं. आखिर के बीस मिनट में वह फिल्म में छा गए हैं. यह कहना गलत ना होगा. बाकी के किरदारों ने भी अपने हिस्से की भूमिकाओं को अच्छे से निभाया है.

Also Read: Phone Bhoot: कैटरीना कैफ के हैलोवीन लुक के लिए विक्की कौशल ने किया कुछ ऐसा, एक्ट्रेस बोली- जब पति…
देखें या ना देखें

अगर आप ज्यादा दिमाग ना लगाकर बस सिर्फ हंसना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें