कानपुर: फूलन देवी के साथी डकैत पोसा की मौत, 42 साल पुराने बेहमई कांड में जेल में था बंद
कानपुरः बेहमई कांड में आरोपी डकैत पोसा की कानपुर देहात के माती जेल में देर रात तबीयत बिगड़ गई. जिसे इलाज के लिए पहले जेल अस्पताल भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जहां उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है पोसा काफी लंबे समय से बीमार चल रहा था.
कानपुरः बेहमई कांड में आरोपी डकैत पोसा 85 वर्षीय की कानपुर देहात के माती जेल में सोमवार देर रात को हालत बिगड़. उसे इलाज के लिए पहले जेल अस्पताल भर्ती कराया गया. फिर जिला अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों में उसे मृत घोषित कर दिया.
ज्ञात हो कि 14 फरवरी 1981 को फूलन देवी ने बेहमई गांव में नरसंहार की घटना को अंजाम दिया था. इस घटना कांड में 26 लोगों को फूलन देवी और उसके साथियों ने गोलियों से भून दिया था. जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 6 लोग घायल थे. बेहमई कांड पर गांव के राजाराम ने मुकदमा दर्ज कराया था. जो न्यायालय में विचाराधीन है. वहीं कांड में अकेला पोसा ही जेल में बंद था. जबकि अन्य दो आरोपी जमानत पर रिहा है.
24 मार्च को भी बिगड़ी थी तबीयत
बताते चलें कि डकैत पोसा की तबीयत बिगड़ने पर उसे बीते 24 मार्च को भी इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फिर उसे हैलट को रेफर कर दिया गया था. जहां उसका इलाज चल रहा था. वहीं दूसरी तरफ सोमवार की शाम को जब जेल में पोसा की तबीयत बिगड़ी तो वार्डर ने उसे जेल अस्पताल में दिखाया था. जिसके बाद उसे देर रात 11 बजे जिला अस्पताल ले जाया गया. इमरजेंसी में तैनात डॉ. निशांत पाठक ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया और उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं डॉक्टर का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए रखवा दिया गया है. साथ ही अकबरपुर पुलिस को सूचना दी गई है.
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वृद्ध और बीमार होने के कारण नहीं आता था कोर्ट
बेहमई कांड की सुनवाई कानपुर देहात के एंटी डकैती कोर्ट में चल रही है. 12 अप्रैल को अभियोजन पक्ष की बहस के लिए तिथि नियत हुई थी. वर्तमान समय में विश्वनाथ और श्याम बाबू जमानत पर है. जबकि पोसा गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद था. वृद्ध और बीमार होने के कारण उसे कोर्ट की सुनवाई में नही लाया जा रहा था.