Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पूजा कब है? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Govardhan Puja 2023 Date: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है, इस दिन को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता हैं. गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन की जाती है. इस साल गोवर्धन पूजा 14 नवंबर यानि मंगलवार को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने की परंपरा है.

By Radheshyam Kushwaha | November 3, 2023 3:10 PM
undefined
Govardhan puja 2023: गोवर्धन पूजा कब है? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व 6

मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने देवों के राजा इंद्र का घमंड चूर करने और गोकुल के लोगों की उनके क्रोध से रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था. छप्पन भोग में मीठे, तीखे, खट्टे सभी तरह के व्यंजन शामिल होते हैं. इसके आलावा चावल, दाल, चटनी, कढ़ी, शरबत, बाटी, मुरब्बा, मठरी, मिठाई, खुरमा, खीर, मक्खन, रबड़ी, मोहन भोग भी शामिल किये जाते हैं.

Govardhan puja 2023: गोवर्धन पूजा कब है? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व 7
गोबर से बनते हैं गोबर्धन

गोबर्धन पूजा में पहले गाय के गोबर से भगवान गोबर्धन की आकृति जमीन पर बनाई जाती है. फिर इसकी पूजा की जाती है. वहीं कुछ जगहों पर हल्दी से भी बनाया जाता है. मथुरा वृंदावन में ये त्योहार विशेष रूप से मनाया जाता है.

Govardhan puja 2023: गोवर्धन पूजा कब है? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व 8
गोवर्धन पूजा विधि

गोवर्धन पूजा के लिए घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है. उसे फूलों से सजाकर दीप, नैवेद्य, फल अर्पित किया जाता है. पूजा के बाद गोबर से गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पूजा और गायों को गुड़ चना खिलाने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं.

Govardhan puja 2023: गोवर्धन पूजा कब है? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व 9
क्यों लगता है 56 भोग

धार्मिक मान्यता है कि इंद्र देव के क्रोधित होने पर भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धनवासियों को भारी बारिश से बचने के लिए अपनी एक अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया था, इसलिए इस दिन का विशेष महत्व होता है, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने का विधान है.

Govardhan puja 2023: गोवर्धन पूजा कब है? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व 10
जब भगवान श्रीकृष्ण ने उठाया था पर्वत

देवों के राजा इंद्र का घमंड चूर करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने सात दिन पर्वत उठाया था, तो उस दौरान उन्होंने भोजन ग्रहण नहीं किया था, जब पर्वत को उतारा था तो मां यशोदा ने उन्हें एक दिन के 6 प्रकार के हिसाब से सात दिन के 56 भोग बनाकर खिलाए थे, इसलिए भगवान को 56 भोग लगाने की प्रथा है.

Exit mobile version