मोक्षदा एकादशी का व्रत गृहस्थ जीवन वालों के लिए 22 दिसंबर को रखना शुभ होगा. वहीं, वैष्णव संप्रदाय के लोग 23 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखेंगे. मोक्षदा एकादशी का व्रत वैष्णवों या भगवान विष्णु के उपासकों के लिए एक शुभ दिन माना जाता है, इस दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण ने पवित्र भगवद गीता सुनाई थी.
मोक्षदा एकादशी तिथि दो दिन पड़ रही है. साल 2023 की अंतिम एकादशी 22 और 23 दिसंबर दो दिन मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 दिसंबर 2023 को सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और समापन 23 दिसंबर 2023 को सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर होगा.
22 दिसंबर 2023 को मोक्षदा एकादशी का व्रत करने वाले लोग 23 दिसंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 22 मिनट से दोपहर 03 बजकर 25 मिनट के बीच व्रत पारण करने के लिए शुभ समय है.
वैष्णव संप्रदाय के लोग 24 दिसंबर 2023 को सुबह 07 बजकर 10 मिनट से सुबह 09 बजकर 14 मिनट के बीच मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण कर सकते हैं.
मोक्षदा एकादशी व्रत का पालन करने से मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त होती है.
पापों को दूर करें और शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करें.
स्वयं और अपने पूर्वजों के लिए जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त करें.
अश्वमेध यज्ञ (राजाओं द्वारा अश्व बलि अनुष्ठान) करने के बराबर लाभ प्राप्त करें.
मोक्षदा एकादशी का व्रत वर्ष की अन्य 23 एकादशियों के व्रत करने से मिलने वाले लाभ के बराबर है.