Phulera Dooj 2022: फुलेरा दूज फाल्गुन शुक्ल द्वितिया तिथि को मनाया जाता है. इस बार यह 4 मार्च, 2022 यानी आज मनाया जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक फुलैरा दूज का दिन पूरी तरह से दोष मुक्त होता है. शास्त्रों के अनुसार, पूरे साल में फुलेरा दूज एक ऐसा दिन है जिस दिन विवाह करना सर्वोत्तम माना जाता है. फुलेरा दूज हर साल फाल्गुन माह में आती है. इसे सर्दी के मौसम के बाद विवाह का अंतिम अबूझ मुहूर्त व शुभ दिन मानते हैं. इस दिन शादियों की धूम रहती है. मान्यता है कि इस दिन विवाह करने से दंपति को भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
पंचांग के अनुसार इस साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 3 मार्च, गुरुवार को रात 09 बजकर 36 मिनट से शुरू होगी और 4 मार्च, शुक्रवार को रात 08 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में फुलेरा दूज को उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए 04 मार्च को मनाया जाएगा.
पौराणिक कथा के अनुसार, व्यस्तता के कारण भगवान श्रीकृष्ण कई दिनों से राधा जी से मिलने वृंदावन नहीं आ रहे थे. राधा के दुखी होने पर गोपियां भी श्रीकृष्ण से रूठ गई थीं. राधा के उदास होने के कारण मथुरा के वन सूखने लगे और पुष्प मुरझा गए. वनों की स्थिति के बारे में जब श्रीकृष्ण को पता चला तो वह राधा से मिलने वृंदावन पहुंचे.
श्रीकृष्ण के आने से राधा रानी खुश हो गईं और चारों ओर फिर से हरियाली छा गई. कृष्ण ने खिल रहे पुष्प को तोड़ लिया और राधा को छेड़ने के लिए उन पर फेंक दिया. राधा ने भी ऐसा ही श्रीकृष्ण के साथ किया. यह देखकर वहां पर मौजूद गोपियों और ग्वालों ने भी एक-दूसरे पर फूल बरसाने शुरू कर दिए. कहते है कि तभी से हर साल मथुरा में फूलों की होली खेली जाने लगी.
इस दिन घर में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और अपने ईष्ट देव को गुलाल चढ़ाया जाता है. इस दिन राधा-कृष्ण को अबीर-गुलाल अर्पित किया जाता है. इस दिन से होली के रंगों की शुरुआत भी होती है. साथ ही फुलेरा दूज के दिन रंगीन कपड़े का छोटा सा टुकड़ा श्रीकृष्ण की कमर पर बांध दिया जाता है, जो इस बात का संकेत है कि कृष्ण अब होली खेलने के लिए तैयार हैं.
फुलेरा दूज के दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत की जा सकती है. इस दिन गृह प्रवेश, व्यापार का शुभारंभ, नए रिश्तों की शुरुआत, शादी-विवाह आदि करना शुभ होता है. इस दिन पति-पत्नी के बीच झगड़ा, पिता का अपमान, माता से कटु वचन नहीं कहने चाहिए.