Phulera Dooj 2022: कल मनाया जाएगा फुलेरा दूज, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और कथा

Phulera Dooj 2022: फूलेरा दूज के दिन घर में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और अपने ईष्ट देव को गुलाल चढ़ाया जाता है. इस दिन राधा-कृष्ण को अबीर-गुलाल अर्पित किया जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 3, 2022 2:53 PM

Phulera Dooj 2022: इस साल फूलेरा दूज 04 मार्च दिन शुक्रवार को है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) राधारानी (Radha) संग फूलों की होली (Phoolon Ki Holi) खेलते हैं. फुलेरा दूज के अवसर पर मथुरा और वृंदावन के श्रीकृष्ण मंदिरों में फूलों की होली खेली जाती है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फूलेरा दूज मनाया जाता है.

फुलेरा दूज 2022 शुभ मुहूर्त (Phulera Dooj 2022 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 3 मार्च, गुरुवार को रात 09:36 मिनट से आरंभ होगी और 4 मार्च, शुक्रवार को रात 08:45 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए 04 मार्च को फुलेरा दूज मनाई जाएगी.

कैसे मनाते हैं फुलेरा दूज

इस दिन घर में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और अपने ईष्ट देव को गुलाल चढ़ाया जाता है. इस दिन राधा-कृष्ण को अबीर-गुलाल अर्पित किया जाता है. इस दिन से होली के रंगों की शुरुआत भी होती है. साथ ही फुलेरा दूज के दिन रंगीन कपड़े का छोटा सा टुकड़ा श्रीकृष्ण की कमर पर बांध दिया जाता है, जो इस बात का संकेत है कि कृष्ण अब होली खेलने के लिए तैयार हैं.

फुलेरा दूज के दिन करें ये उपाय (Phulera Dooj 2022 Upay)

फुलेरा दूज के दिन स्नान करने के बाद राधा-कृष्ण मंदिर में जाएं. वहां राधा-कृष्ण को पीले पुष्प, पीली मिठाई, पीले वस्त्र अर्पित करें. ऐसा करने से प्रेम-विवाह में आ रही अड़चने या वैवाहिक जीवन की दिक्कतें दूर होंगी.

अगर शादीशुदा जीवन में तकलीफ बढ़ रही है या जीवनसाथ के साथ मनमुटाव रहता है. इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए भोजपत्र पर अपनी समस्या लिखें. वह राधा-कृष्ण के चरणों में अर्पित करें. ऐसा करने से जीवनसाधी से रिश्ते सुधरेंगे.

अगर किसी वजह से रिश्ता टूट गया है और उसमें फिर से मधुरता लाना चाहते हैं तो फुलेरा दूज के दिन राधा-कृष्ण की विशेष पूजा करें. साथ ही राधा-कृष्ण को फूलों की माला अर्पित करें. ऐसे करने से रिश्ता मजबूत होगा.

अबूझ मुहूर्त है फुलेरा दूज

ज्योतिषाचार्यों की मानें तो बिना किसी मुहूर्त के इस दिन कोई भी शुभ काम किया जा सकता है. इस दिन ब्रज में राधाकृष्ण (Radha-Krishna) का फूलों से शृंगार कर उनकी विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

फुलेरा दूज के दिन रिकॉर्ड तोड़ होती हैं शादियां

फुलेरा दूज को सर्दी के मौसम के बाद इसे शादियों के सीजन का अंतिम दिन माना जाता है. इसलिए इस दिन रिकॉर्ड तोड़ शादियां होती हैं. फुलेरा दूज के अबूझ मुहूर्त होने के कारण इसे विवाह, संपत्ति की खरीद इत्यादि सभी प्रकार के शुभ कार्यों को करने के लिए दिन ज्यादा शुभ माना जाता है.

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