ओडिशा के कालाहांडी जिले के गांव में बुजुर्ग महिला मरीज को एम्बुलेंस तक पहुंचने के लिए तीन किमी तक खाट पर ले जाना पड़ा. यह मौजूदा बुनियादी ढांचे और उचित सड़कों की कमी के बारे में बहुत कुछ बताता है, जो आजादी के 77 साल बाद भी कई लोगों के लिए एक दूर का सपना बना हुआ है. मरीज के परिजनों को घुटनों तक पानी से होकर कंधे पर खाट लेकर नदी पार करनी पड़ी. दिल दहला देने वाली यह घटना ओडिशा के कालाहांडी जिले के टी रामपुर ब्लॉक के खमनपाड़ा गांव से सामने आयी है. खैर, यह पहली बार नहीं है जब किसी मरीज को खाट पर ले जाया गया हो. क्षेत्र में मोटर योग्य सड़क की कमी के कारण यह यहां के ग्रामीणों के लिए एक नियमित मामला बन गया है.
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लगभग तीन किमी तक उसे ले जाने के बाद परिवार के सदस्य एम्बुलेंस तक पहुंचे, जहां से उसे टी रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया
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महिला को प्रारंभिक उपचार के बाद, उन्हें बेहतर इलाज के लिए भवानीपटना स्थित जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) में स्थानांतरित कर दिया गया.
ऐसे नदी पार करते हैं लोग
सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा स्थानीय लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरी तरफ पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है, जहां एम्बुलेंस इंतजार करती है. नदी पर पुल नहीं होने के कारण अक्सर लोग घुटने भर पानी से होकर दूसरी ओर पहुंचते हैं. सूत्रों के अनुसार एक बुजुर्ग महिला चंद्रिका गौड़ा को गिरने के बाद चोटें आयीं, जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने एम्बुलेंस को बुलाया.
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गांव तक नहीं पहुंची एम्बुलेंस
हालांकि, एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी, जिससे स्थानीय लोगों को घायल महिला को खाट पर ले जाना पड़ा. लगभग तीन किमी तक उसे ले जाने के बाद परिवार के सदस्य एम्बुलेंस तक पहुंचे, जहां से उसे टी रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया. प्रारंभिक उपचार के बाद, उन्हें बेहतर इलाज के लिए भवानीपटना स्थित जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) में स्थानांतरित कर दिया गया.
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