विकास के दावों की पोल खोलती कालाहांडी की ये तस्वीर, तीन किमी तक मरीज को खाट पर ले गये ग्रामीण

लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरी तरफ पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है, जहां एम्बुलेंस इंतजार करती है. नदी पर पुल नहीं होने के कारण अक्सर लोग घुटने भर पानी से होकर दूसरी ओर पहुंचते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 16, 2023 2:53 PM
an image

ओडिशा के कालाहांडी जिले के गांव में बुजुर्ग महिला मरीज को एम्बुलेंस तक पहुंचने के लिए तीन किमी तक खाट पर ले जाना पड़ा. यह मौजूदा बुनियादी ढांचे और उचित सड़कों की कमी के बारे में बहुत कुछ बताता है, जो आजादी के 77 साल बाद भी कई लोगों के लिए एक दूर का सपना बना हुआ है. मरीज के परिजनों को घुटनों तक पानी से होकर कंधे पर खाट लेकर नदी पार करनी पड़ी. दिल दहला देने वाली यह घटना ओडिशा के कालाहांडी जिले के टी रामपुर ब्लॉक के खमनपाड़ा गांव से सामने आयी है. खैर, यह पहली बार नहीं है जब किसी मरीज को खाट पर ले जाया गया हो. क्षेत्र में मोटर योग्य सड़क की कमी के कारण यह यहां के ग्रामीणों के लिए एक नियमित मामला बन गया है.

  • लगभग तीन किमी तक उसे ले जाने के बाद परिवार के सदस्य एम्बुलेंस तक पहुंचे, जहां से उसे टी रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया

  • महिला को प्रारंभिक उपचार के बाद, उन्हें बेहतर इलाज के लिए भवानीपटना स्थित जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) में स्थानांतरित कर दिया गया.

ऐसे नदी पार करते हैं लोग

सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा स्थानीय लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरी तरफ पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है, जहां एम्बुलेंस इंतजार करती है. नदी पर पुल नहीं होने के कारण अक्सर लोग घुटने भर पानी से होकर दूसरी ओर पहुंचते हैं. सूत्रों के अनुसार एक बुजुर्ग महिला चंद्रिका गौड़ा को गिरने के बाद चोटें आयीं, जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने एम्बुलेंस को बुलाया.

Also Read: ओडिशा में ‘भ्रष्टाचार’ : पीएम नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे प्रदेश बीजेपी के विधायक

गांव तक नहीं पहुंची एम्बुलेंस

हालांकि, एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी, जिससे स्थानीय लोगों को घायल महिला को खाट पर ले जाना पड़ा. लगभग तीन किमी तक उसे ले जाने के बाद परिवार के सदस्य एम्बुलेंस तक पहुंचे, जहां से उसे टी रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया. प्रारंभिक उपचार के बाद, उन्हें बेहतर इलाज के लिए भवानीपटना स्थित जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) में स्थानांतरित कर दिया गया.

Also Read: ओडिशा के लिए खुशखबरी : झारसुगुड़ा से कोलकाता और बेंगलुरु के लिए शुरू हो रही विमान सेवा, बुकिंग शुरू

Exit mobile version