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West Bengal Election 2021: मौलिक अधिकारों का हो रहा हनन, बंगाल में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) स्वतंत्र और निष्पक्ष (Free and Fair Election) तरीके से संपन्न कराने का केंद्र, राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) को निर्देश देने के लिए उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गयी है. कहा गया है कि बंगाल में नागरिकों के मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) का हनन हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2020 10:32 PM
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कोलकाता/नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल में वर्ष 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने का केंद्र, राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग को निर्देश देने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी है. कहा गया है कि बंगाल में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है.

याचिका में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वियों और कथित राजनीतिक कार्यकर्ताओं की कथित हत्याओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) से जांच कराने सहित कई राहत देने का अनुरोध न्यायालय से किया गया है.

इस याचिका में गृह मंत्रालय, पश्चिम बंगाल सरकार, निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, सीबीआइ और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि राज्य में लगातार नागरिकों के मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों का हनन हो रहा है और इन घटनाओं में राज्य सरकार और उसकी पुलिस के शामिल होने के आरोप लग रहे हैं.

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मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों के हनन के बावजूद इनकी रोकथाम के लिए राज्य सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है, जबकि कानून व्यवस्था बनाये रखना और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना उसका कर्तव्य है.

याचिका में हाल ही में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर राज्य में हुए हमले का जिक्र करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सुरक्षा प्रदान करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.

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यह याचिका अधिवक्ता पुनीत कुमार ढांडा ने दायर की है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल में नागरिकों के जीने और व्यक्तिगत आजादी के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है.

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Posted By : Mithilesh Jha

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