पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. शिक्षक नियुक्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले ही राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया है. ईडी ने पिछले दिनों छापेमारी में पार्थ चटर्जी के कथित रूप से एक करीबी के घर से 50 करोड़ रुपये नकद के साथ-साथ करोड़ों के गहने बरामद किये हैं.
इसी बीच, कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के 19 नेताओं की संपत्ति की जांच के मामले में ईडी को भी पक्षकार बनाने के लिए कहा है. एक तरह से कहा जाये तो तृणमूल कांग्रेस के 19 नेताओं और मंत्रियों की संपत्ति की जांच ईडी से कराने के संकेत कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया है.
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हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेताओं की संपत्ति की जांच कराने की मांग की गयी. याचिकाकर्ता ने फिरहाद हकीम, मदन मित्रा, स्वर्ण कमल साहा, अर्जुन सिंह सहित 19 नेताओं की संपत्ति पर सवाल उठाते हुए मामला दायर किया है और इनकी संपत्ति की जांच कराने की मांग की गयी है.
विप्लव कुमार चौधरी नामक व्यक्ति ने अधिवक्ता अनिंद्य सुंदर दास के माध्यम से वर्ष 2017 में हाईकोर्ट में सत्तारूढ़ पार्टी के 19 नेताओं की संपत्ति की जांच कराने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि वर्ष 2011 के बाद से इन जनप्रतिनिधियों की संपत्ति लगातार बढ़ रही है. उनकी संपत्ति की ईडी से जांच की मांग की है. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस के इन नेताओं के पास आय से कई गुना अधिक संपत्ति है और इसकी जांच होने पर कई भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा होगा.
हाईकोर्ट ने उस समय मामले की सुनवाई करते हुए इसमें आयकर विभाग को पक्षकार बनाने का आदेश दिया था, लेकिन पिछले पांच वर्षों में मामले की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई. लेकिन पार्थ चटर्जी के करीबी के पास से करोड़ों की संपत्ति मिलने की घटना के बाद याचिकाकर्ता ने एक बार फिर से मामले को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ पर रखा. इसके बाद ही मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले में ईडी को भी पक्षकार बनाने के लिए कहा.
बताया गया है कि इस याचिका में तृणमूल कांग्रेस के 19 नेताओं का नाम शामिल हैं, जिनमें फिरहाद हकीम, मदन मित्रा, ज्योतिप्रिय मल्लिक, मलय घटक, शोभन चटर्जी, गौतम देव, अर्जुन सिंह, स्वर्ण कमल साहा, ब्रात्य बसु, जावेद खान, अरूप राय, अब्दुर रज्जाक मोल्ला, सब्यसाची दत्ता, राजीव बनर्जी, शिउली साहा, विमान बंद्योपाध्याय, अमित मित्रा शामिल हैं. वर्ष 2017 में दायर हुए इस मामले में सुब्रत मुखर्जी, साधन पांडे का भी नाम था, लेकिन अब ये दोनों इस दुनिया में नहीं हैं.